क्या भारत ने दिव्यांग लोगों की सहायता के लिए गुयाना में 'कृत्रिम अंग कैंप' का आयोजन किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने गुयाना में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कृत्रिम अंग कैंप का आयोजन किया।
- इस पहल से जरूरतमंद नागरिकों को जीवन बदलने वाले अंग मिलेंगे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाने वाली यह एक महत्वपूर्ण परियोजना है।
- गुयाना के स्वास्थ्य मंत्री ने इस सहयोग के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।
- यह कार्यक्रम भारत और गुयाना के बीच सच्ची मित्रता का प्रतीक है।
जॉर्जटाउन, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कैरिबियन क्षेत्र में दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए, भारत सरकार ने इस क्षेत्र में कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने का अपना वादा पूरा किया है।
भारतीय कंपनी कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड ने गुयाना के स्वास्थ्य मंत्रालय और कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) सचिवालय के सहयोग से सोमवार (स्थानीय समयानुसार) गुयाना की राजधानी जॉर्ज टाउन के टॉलेमी रीड रिहैबिलिटेशन सेंटर में एक कृत्रिम अंग दान और फिटमेंट कैंप का शुभारंभ किया।
जॉर्जटाउन स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा समर्थित यह पहल कैरिबियन क्षेत्र में भारत-गुयाना मैत्री और जन-केंद्रित कूटनीति का प्रमाण है।
भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर लिखा, "एक वादा निभाया गया, एक प्रतिबद्धता पूरी हुई। दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत कैरेबियन क्षेत्र में दिव्यांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग प्रदान करने में कैरिकॉम के साथ सहयोग करेगा, जो हमारी मैत्री और जन-केंद्रित कूटनीति का प्रतीक है।"
पोस्ट में आगे कहा गया, "यह एक नई सुबह, एक नई शुरुआत और भारत-कैरिकॉम साझेदारी में एक नया अध्याय था।"
गुयाना के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह परियोजना भारत की जयपुर फुट और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से आयोजित की गई है। यह जरूरतमंद गुयाना के नागरिकों को जीवन बदलने वाले कृत्रिम अंग प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गुयाना के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक एंथनी ने इस पहल को संभव बनाने में भारत सरकार और जयपुर फुट के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "यह साझेदारी परिवर्तनकारी है। कृत्रिम अंग केवल चलने-फिरने की क्षमता नहीं लौटाते, वे स्वतंत्रता, सम्मान और अवसर भी वापस देते हैं।"
मंत्री ने आगे कहा, "दुर्घटनाओं या मधुमेह जैसी बीमारियों के कारण अंग गंवाने वाले कई गुयाना वासियों के लिए किफायती कृत्रिम अंग उपलब्ध होना अब तक असंभव रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, हम बाधाओं को दूर कर रहे हैं और लोगों को जीवन का दूसरा मौका दे रहे हैं।"
उपस्थित अधिकारियों में गुयाना में भारत के उच्चायुक्त अमित तलांग, गुयाना में बेलीज की उच्चायुक्त गेल मिलर-गार्नेट, कैरिकॉम में स्वास्थ्य क्षेत्र विकास के लिए उप कार्यक्रम प्रबंधक सेरेना बेंडर-पेल्ट्जविक और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।
बता दें कि नवंबर 2024 में, जॉर्जटाउन में दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कैरिकॉम देशों को सात प्रमुख क्षेत्रों में सहायता की पेशकश की। इनमें क्षमता निर्माण, कृषि और खाद्य सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यापार, क्रिकेट और संस्कृति, समुद्री अर्थव्यवस्था और समुद्री सुरक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं।