क्या जेन-जेड प्रोटेस्ट के बाद भारत-नेपाल के बीच पहली बातचीत आज होगी?

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क्या जेन-जेड प्रोटेस्ट के बाद भारत-नेपाल के बीच पहली बातचीत आज होगी?

सारांश

भारत और नेपाल के बीच आज उच्च स्तरीय वार्ता होगी, जो जेन जेड के विरोध प्रदर्शनों के बाद पहली बार हो रही है। सीमा सुरक्षा और अपराध नियंत्रण पर चर्चा की जाएगी। यह वार्ता दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

Key Takeaways

  • भारत-नेपाल वार्ता की शुरुआत जेन-जेड प्रोटेस्ट के बाद हो रही है।
  • सीमा पार अपराधों पर नियंत्रण और खुफिया जानकारी साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • उच्च स्तरीय वार्ता में दोनों देशों के सुरक्षा बलों के प्रमुख शामिल होंगे।
  • नेपाल की सरकार चुनाव की तैयारी कर रही है।
  • यह वार्ता भारत-नेपाल संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

नई दिल्ली, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में जेन जेड के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते केपी ओली की सरकार के गिरने के बाद पहली बार भारत और नेपाल के बीच उच्च स्तरीय वार्ता का आयोजन होने जा रहा है। दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के प्रमुख बुधवार से अपनी वार्षिक समन्वय बैठक शुरू करेंगे। इस बैठक में सीमा पार अपराधों को नियंत्रित करने और वास्तविक समय में खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान में सुधार लाने के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

याद रहे, सितंबर में काठमांडू में 'जनरेशन जेड' के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों के कारण केपी ओली की सरकार को गिराया गया। इस दौरान कई लोगों की जान चली गई और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ। इस बैठक में भारत के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के बीच पहली बार उच्च-स्तरीय संवाद होगा।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन हिंसक प्रदर्शनों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का अनुमान १०० अरब नेपाली रुपये से अधिक है, जबकि निजी क्षेत्र ने ८० अरब नेपाली रुपये से अधिक का नुकसान बताया है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ९वीं वार्षिक समन्वय बैठक १२ से १४ नवंबर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें एसएसबी और एपीएफ के प्रतिनिधि बातचीत करेंगे। एसएसबी के महानिदेशक संजय सिंघल भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और एपीएफ महानिरीक्षक राजू आर्यल नेपाल का प्रतिनिधित्व करेंगे।

एसएसबी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए एक प्रभावी संयुक्त तंत्र बनाने, वास्तविक समय में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए तेज और विश्वसनीय प्रणालियां स्थापित करने और भारत-नेपाल सीमा पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित सीमा प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।

इससे पहले नवंबर २०२४ में दोनों पक्षों के बीच काठमांडू में बैठक हुई थी। ध्यान रहे, एसएसबी गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है। भारत और नेपाल की सीमा १,७५१ किलोमीटर लंबी, खुली और बिना बाड़ वाली है, जिसे एसएसबी सुरक्षित करता है। साथ ही, एसएसबी भारत-भूटान सीमा पर भी सुरक्षा का काम करता है। भारत और भूटान की सीमा ६९९ किलोमीटर लंबी है।

गौरतलब है कि नेपाल में अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अक्टूबर की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वासन दिया था कि वर्तमान प्रशासन अगले छह महीनों में अगला संसदीय चुनाव कराने और निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने के लिए प्रतिबद्ध है।

Point of View

NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत और नेपाल के बीच वार्ता कब होगी?
यह वार्ता १२ से १४ नवंबर तक होगी।
इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य सीमा पार अपराधों को नियंत्रित करना और वास्तविक समय में खुफिया जानकारी साझा करना है।
क्या जेन जेड आंदोलन से नेपाल में सरकार में बदलाव हुआ?
हाँ, जेन जेड के विरोध प्रदर्शनों के चलते केपी ओली की सरकार गिर गई।
इस वार्ता में कौन-कौन से नेता शामिल होंगे?
इसमें एसएसबी के महानिदेशक संजय सिंघल और एपीएफ महानिरीक्षक राजू आर्यल शामिल होंगे।
भारत-नेपाल सीमा की लंबाई कितनी है?
भारत-नेपाल सीमा १,७५१ किलोमीटर लंबी है।