क्या भारतीय प्रतिनिधिमंडल और सीरियाई विदेश मंत्री की मुलाकात से द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि होगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सीरिया में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
- स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- सीरियाई छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम लागू करने की योजना बनाई गई।
- भारत ने सीरिया के पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समर्थन करने का आश्वासन दिया।
- दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।
दमिश्क, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सीरिया की यात्रा पर गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दमिश्क में सीरिया के विदेश और प्रवासी मामलों के मंत्री असआद हसन अल-शाइबानी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के आपसी हितों को ध्यान में रखते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की गई।
सीरियाई विदेश मंत्रालय ने कहा, "विदेश और प्रवासी मामलों के मंत्री असआद हसन अल-शाइबानी ने भारतीय विदेश मंत्रालय के पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका विभाग के निदेशक सुरेश कुमार के नेतृत्व में आए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का दमिश्क में स्वागत किया।"
बयान में कहा गया कि बैठक में दोनों देशों के साझा हितों से जुड़े मुद्दों और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई, जिससे दोनों देशों की जनता को लाभ मिल सके।
भारत ने लंबे समय से सीरियाई शासन से सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं और यह हालिया मुलाकात दमिश्क में मौजूदा सरकार के साथ अपने राजनयिक और विकास सहयोग को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सीरियाई विदेश मंत्री से मुलाकात के अलावा, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को सीरिया के स्वास्थ्य मंत्री मुसाब अल-अली से भी बातचीत की।
इस बातचीत का केंद्र बिंदु स्वास्थ्य सेवा में सहयोग बढ़ाना रहा, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल निर्माण और चिकित्सा प्रशिक्षण के क्षेत्र में।
दोनों पक्षों ने सीरियाई छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम लागू करने और सीरियाई सरकारी कर्मचारियों के लिए एक विशेष इंजीनियरिंग सहयोग पहल पर भी विचार-विमर्श किया।
स्वास्थ्य मंत्री अल-अली ने भारत के साथ फार्मास्युटिकल और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मजबूत और दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करने की सीरिया की इच्छा जाहिर की।
सीरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी सना के अनुसार, मंत्री ने कहा कि इस तरह का सहयोग देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करेगा और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाएगा।
भारत की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे सुरेश कुमार ने सीरिया के पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों को वित्तीय सहायता देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा कि भारत सीरियाई डॉक्टरों को भारतीय संस्थानों में प्रशिक्षण देने के लिए समन्वय जारी रखेगा और नर्सिंग, फार्मास्युटिकल और दवा निर्यात में गहन सहयोग को बढ़ावा देगा।