क्या भारतीय वायुसेना की भागीदारी ‘एक्सरसाइज ओशन स्काई 2025’ में स्पेन में अद्वितीय है?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय वायुसेना की भागीदारी उच्चस्तरीय प्रशिक्षण का प्रमाण है।
- अभ्यास का उद्देश्य रक्षा सहयोग को मजबूत करना है।
- यह अभ्यास अंतरराष्ट्रीय अनुभव साझा करने का अवसर है।
- जटिल हवाई मिशनों का अभ्यास किया जा रहा है।
- भारत की वायु शक्ति को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना स्पेन के गैंडो एयरबेस पर आयोजित बहुराष्ट्रीय हवाई युद्धाभ्यास ‘एक्सरसाइज ओशन स्काई 2025’ में भाग ले रही है। इस अभ्यास की मेजबानी स्पेनिश एयरफोर्स द्वारा की जा रही है। भारत और स्पेन की भागीदारी वाला यह बहुराष्ट्रीय अभ्यास 20 अक्टूबर को प्रारंभ हुआ और 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा।
इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सहभागी देशों के बीच पारस्परिक सीख, अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा देना, हवाई युद्ध कौशल को निखारना तथा मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करना है। इस अभ्यास में विभिन्न देशों की वायु सेनाएं अपने उन्नत लड़ाकू विमानों, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और एरियल रिफ्यूलिंग टैंकरों के साथ भाग ले रही हैं। हवाई अभियानों के दौरान जटिल एयर-टू-एयर कॉम्बैट मिशन, बियॉन्ड विजुअल रेंज एंगेजमेंट्स, कॉम्बैट सॉर्टीज और एयर डिफेंस ऑपरेशन्स जैसे परिदृश्यों का अभ्यास किया जा रहा है।
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना की भागीदारी उसके उच्चस्तरीय प्रशिक्षण और पेशेवर दक्षता को दर्शाती है। इसके साथ ही यह भारत के रक्षा साझेदारी को मजबूत करने और वैश्विक सुरक्षा में रचनात्मक योगदान देने की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। स्पेन में आयोजित यह अभ्यास भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसके माध्यम से वह यूरोपीय वायु सेनाओं के साथ अनुभव साझा कर रही है तथा भविष्य के संयुक्त अभियानों की समझ को और गहरा कर रही है।
‘एक्सरसाइज ओशन स्काई 2025’ भारत की वायु शक्ति, सामरिक सोच और अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग के क्षेत्र में उसकी बढ़ती भूमिका का प्रमाण भी है।
इससे पहले इसी वर्ष 15 देशों की वायु सेनाओं का एक बहुराष्ट्रीय एवं महत्वपूर्ण एयर फोर्स अभ्यास ‘इनियोचोस-25’ आयोजित किया गया था। भारत भी इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का हिस्सा था। भारत के अलावा अमेरिका, फ्रांस, इजरायल, स्पेन, इटली और ग्रीस जैसे देश एयरफोर्स के अभ्यास में शामिल थे। यह अभ्यास ग्रीस में मार्च में हुआ था। इस महत्वपूर्ण बहुराष्ट्रीय अभ्यास में पोलैंड, कतर, यूएई, और स्लोवेनिया ने भी हिस्सा लिया।
साइप्रस का प्रतिनिधित्व उसके सपोर्ट स्टाफ द्वारा किया गया। बहरीन और स्लोवाकिया की सैन्य टीमें यहां पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल रहीं। ग्रीस में आयोजित वायुसेनाओं का यह युद्धाभ्यास भविष्य के जटिल वायु युद्धों व इन युद्धों की रणनीतियों का प्रशिक्षण प्रदान करने वाला था।