क्या बांग्लादेश: बीएनपी ने जमात की जनमत संग्रह मांग पर ऐतराज जताया, इसे 2026 के चुनाव में देरी का 'मास्टर प्लान' बताया?

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क्या बांग्लादेश: बीएनपी ने जमात की जनमत संग्रह मांग पर ऐतराज जताया, इसे 2026 के चुनाव में देरी का 'मास्टर प्लान' बताया?

सारांश

बांग्लादेश में बीएनपी ने जमात की जनमत संग्रह मांग को एक मास्टर प्लान के रूप में देखा है। क्या यह अगले साल के चुनाव में देरी का एक नया तरीका है? जानिए इस राजनीतिक उठापटक के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • बीएनपी का जमात की जनमत संग्रह मांग पर ऐतराज।
  • जमात का आह्वान 2026 के चुनाव में देरी का कारण बन सकता है।
  • रिजवी का कहना है कि समय की कमी है।
  • जमात पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से झूठा प्रचार करने का आरोप।
  • बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ रही है।

ढाका, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने मंगलवार को कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी द्वारा जुलाई चार्टर पर नवंबर में जनमत संग्रह कराने के आह्वान पर संदेह व्यक्त किया और इसे अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में देरी करने के लिए बनाए गए "मास्टर प्लान" का हिस्सा माना जा सकता है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी।

ढाका के जातीय प्रेस क्लब में एक चर्चा में, बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने चेतावनी दी कि यदि नवंबर में जनमत संग्रह आयोजित किया जाता है, तो यह फरवरी 2026 के चुनाव की तैयारी में बाधा डाल सकता है।

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी के अनुसार, रिजवी ने कहा, "आप (जमात) नवंबर में जनमत संग्रह कराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अधिकांश राजनीतिक दल पहले से ही इस बात पर सहमत हैं कि ये संसदीय चुनाव के दिन ही होंगे। इससे समय और खर्च दोनों में बचत होगी।"

बीएनपी नेता ने तर्क दिया कि जनमत संग्रह और राष्ट्रीय चुनाव को एक ही दिन आयोजित करने से प्रक्रिया सुचारू रहेगी, जबकि नवंबर का जनमत संग्रह एक महीने की तैयारी में संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा, "इससे केवल अराजकता ही फैलेगी। आप किस चुनाव को पहले पूरा करेंगे और कब? समय की कमी है। यदि नवंबर में जनमत संग्रह होता है, तो राष्ट्रीय चुनाव ईद-उल-अजहा के ठीक बाद कराने होंगे। क्या आपके आह्वान के पीछे कोई अन्य मास्टर प्लान है?"

उन्होंने यह भी कहा, "आप (जमात) इसे अनावश्यक रूप से खींचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे संदेह उत्पन्न हो रहा है कि आप राष्ट्रीय चुनाव में देरी या उसे पटरी से उतारना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि यह राजनीतिक दल, कुछ अन्य दलों के साथ, वास्तव में चुनाव नहीं कराना चाहता। उनका पूर्व का रिकॉर्ड दर्शाता है कि लोकतंत्र या चुनावी प्रक्रिया के प्रति उनकी कोई वास्तविक प्रतिबद्धता नहीं रही है।"

रिजवी ने जमात पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से झूठा प्रचार करने के लिए एक विशेष टीम बनाने का भी आरोप लगाया।

बांग्लादेशी दैनिक 'ढाका ट्रिब्यून' ने चर्चा के दौरान बीएनपी नेता के हवाले से कहा, "जमात डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके भ्रामक अभियान चला रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर झूठ, आपत्तिजनक टिप्पणियां और अश्लील सामग्री फैलाने के लिए युवाओं का एक समूह बना लिया है। ये लोग झूठ की पैकेजिंग कर रहे हैं और उसे नियमित रूप से फैला रहे हैं।"

अगले साल होने वाले चुनाव से पहले बांग्लादेश में अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ती जा रही है।

जिन पार्टियों ने पहले शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर काम किया था, वे अब सुधार प्रस्तावों को लेकर आपस में भिड़ गई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। सभी दलों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

बीएनपी ने जमात के जनमत संग्रह की मांग पर क्या कहा?
बीएनपी ने इसे अगले साल के चुनाव में देरी का मास्टर प्लान बताया है।
रूहुल कबीर रिजवी का क्या कहना है?
उन्होंने चेतावनी दी है कि नवंबर में जनमत संग्रह चुनाव की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है।
क्या जमात ने डिजिटल प्रचार किया है?
हां, रिजवी ने जमात पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है।
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