क्या ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ 2025 एंजेलिना जोली के प्रभाव के साथ ‘हर यात्रा मायने रखती है’?

सारांश
Key Takeaways
- एंजेलिना जोली ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया जिससे स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ी।
- उनकी कहानी ने 'जोलि इफेक्ट' नामक एक आंदोलन को जन्म दिया।
- स्तन कैंसर का हर निदान व्यक्तिगत होता है, जिसमें साहस और दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 2013 में हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री एंजेलिना जोली ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लेकर सभी को चौंका दिया। उनकी माँ, मार्शलीन बर्ट्रेंड, का निधन ओवरी कैंसर से हुआ था। जोली ने जीन टेस्ट कराया और पता चला कि उनमें बीआरसीए1 जीन का म्यूटेशन है, जो उनके ब्रेस्ट कैंसर की संभावनाओं को 87 प्रतिशत तक बढ़ा रहा था।
एंजेलिना ने प्रिवेंटिव डबल मास्टेक्टॉमी (दोनों स्तनों को सर्जरी से हटवाना) का निर्णय लिया। उस समय उनके निर्णय पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए, लेकिन इसके बाद हजारों महिलाएं अस्पतालों में पहुंचीं और टेस्ट करवाने लगीं। डॉक्टरों का कहना है कि एंजेलिना की इस पहल ने 'जोलि इफेक्ट' नामक एक जागरूकता लहर पैदा की, जिसने अनगिनत जिंदगियां बचाईं। शोध दर्शाते हैं कि उनके बयानों के बाद लाखों महिलाओं ने बीआरसीए टेस्ट करवाने की शुरुआत की।
जोली ने अपने शरीर से जुड़ी एक बेहद निजी बात का खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स के ओप-एड लेख में किया था। 2013 के इस लेख में उन्होंने एक माँ के डर को व्यक्त करते हुए लिखा, “मैं नहीं चाहती थी कि मेरे बच्चों को वही डर महसूस हो जो मैंने अपनी माँ के लिए अनुभव किया था। मैंने पूरा प्रयास किया कि मैं इस डर को कम कर सकूं।”
जोली की इस ईमानदार कोशिश को दुनिया ने सराहा। उन्होंने आगे लिखा, “मेरे लिए यह लिखना आसान नहीं था। लेकिन अगर यह किसी एक महिला को भी टेस्ट करवाने के लिए प्रेरित कर सके, तो मैं इसे सफल मानूंगी।”
स्तन कैंसर का हर निदान व्यक्तिगत होता है। हर निदान के पीछे एक कहानी होती है—साहस, दृढ़ता और आशा की। और जब इसमें किसी प्रसिद्ध व्यक्ति का नाम जुड़ जाता है, तो आम जनता को इसके महत्व और गंभीरता का सहज ही एहसास होता है। एंजेलिना जोली की ब्रेस्ट कैंसर की कहानी केवल हॉलीवुड की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश बन गई है।