क्या जुमे की नमाज के बाद घर लौटने की अपील सही है? - शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

सारांश
Key Takeaways
- शांतिपूर्वक नमाज अदा करें
- घर लौटें, भीड़ का हिस्सा न बनें
- उकसावे से बचें
- अमन व शांति बनाए रखें
- मौलाना का संदेश महत्वपूर्ण है
बरेली, २ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शुक्रवार को शांतिपूर्वक नमाज अदा करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि नमाज के बाद सभी भाई अपने घरों और दुकानों पर लौट जाएं। कहीं भीड़ का हिस्सा न बनें।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए मौलाना ने कहा, "पिछले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बरेली में जो घटना हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण थी।" उन्होंने सभी मुसलमानों से अपील की कि वे सावधानी से जुमे की नमाज़ अदा करें और नमाज़ के बाद अपने घरों या दुकानों को लौट जाएं। किसी के उकसावे या बुलावा में न आएं और किसी भीड़ का हिस्सा न बनें।
मौलाना ने स्पष्ट किया कि अगर नमाज के बाद कोई व्यक्ति या संगठन बुलाता है, तो वहाँ जाने की आवश्यकता नहीं है। बरेली के सियासी हालात को देखते हुए उन्होंने मस्जिदों में अमन व शांति बनाए रखने की अपील की और बताया कि नौजवानों को समझाना चाहिए कि किसी के बहकावे व भड़कावे में न आएं।
उन्होंने कहा, "पैगम्बर ए इस्लाम से मुहब्बत करना हमारा ईमान व अकीदा है, लेकिन उनकी शिक्षा पर अमल करना बेहद जरूरी है। यही असली मुहब्बत का पैमाना है। पोस्टर व बैनर तो केवल एक दिखावा हैं।"
मौलाना ने इस्लाम के इतिहास में दो प्रसिद्ध समझौतों 'सुलह हुदैवीया' और 'मिसाके मदीना' का उल्लेख करते हुए सभी मुसलमानों से अमन व शांति बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने कहा कि बरेली में जो तरीका अपनाया गया था वह गलत है और इस्लामिक वसूल के खिलाफ है। मौलाना ने नौजवानों से कहा कि वे भीड़ का हिस्सा न बनें और किसी के बहकावे में न आएं।