क्या ट्रंप का दावा सच है? ब्रिक्स नेताओं ने धमकी के बावजूद दिखाई एकता!

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क्या ट्रंप का दावा सच है? ब्रिक्स नेताओं ने धमकी के बावजूद दिखाई एकता!

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा कि ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत टैरिफ की धमकी से ये देश डर गए, असत्य है। असल में, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहा और सभी सदस्य देशों के नेता बैठक में शामिल हुए। जानिए इस मुद्दे पर क्या है सच्चाई।

Key Takeaways

  • ब्रिक्स नेताओं ने सम्मेलन में दिखाई एकता।
  • ट्रंप की धमकी केवल एक बयान था।
  • भारत ने साझा मुद्रा के विचार को खारिज किया।

न्यूयॉर्क, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह कहना कि ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की उनकी धमकी से ये देश डर गए, एक गलतफहमी है। उन्होंने दावा किया था कि अगले दिन की बैठक में लगभग कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। लेकिन असलियत यह है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहा और 11 सदस्य देशों के सभी नेता दूसरे दिन की बैठक में शामिल हुए।

ट्रंप ने 6 जुलाई की रात को यह धमकी सोशल मीडिया पर दी थी, लेकिन इसके ठीक अगले दिन रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स नेताओं ने पूरी ताकत के साथ बैठक की।

शुक्रवार को व्हाइट हाउस में ‘जीईएनआईयूएस एक्ट’ पर हस्ताक्षर करते समय ट्रंप ने ब्रिक्स को “छह देशों का एक छोटा समूह” बताया और कहा, “वे डॉलर के प्रभुत्व को समाप्त करना चाहते हैं और मैंने कहा कि जो भी ब्रिक्स समूह में होगा, उस पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगेगा।”

उन्होंने यह भी कहा, “अगले दिन उनकी एक बैठक थी और वहां लगभग कोई नहीं पहुंचा। वे डर गए थे, बोले- हमें छोड़ दो, हम टैरिफ नहीं झेलना चाहते।” हालांकि, ब्रिक्स के भीतर साझा मुद्रा लाने का विचार भारत ने पहले ही खारिज कर दिया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि डॉलर को हटाने की कोई नीतियाँ नहीं हैं, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थिरता का आधार है।

ट्रंप ने कहा, “अगर वे वास्तव में ब्रिक्स मुद्रा बनाने की कोशिश करते हैं, तो वह प्रयास जल्दी खत्म हो जाएगा। मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा कर भी पाएंगे। वे तो अब बैठक करने से भी डरते हैं।”

6 जुलाई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “जो भी देश ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ खड़ा होगा, उस पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगेगा।”

जीईएनआईयूएस एक्ट पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान ट्रंप ने कहा कि डॉलर का वैश्विक रिजर्व मुद्रा बने रहना अमेरिका के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, “अगर हमने यह खो दिया, तो यह एक विश्व युद्ध हारने जैसा होगा। हम किसी को भी हमारे साथ खेल खेलने नहीं दे सकते।”

Point of View

लेकिन ब्रिक्स नेताओं ने अपनी एकता का परिचय देकर यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी धमकी से प्रभावित नहीं होते। यह न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत और अन्य ब्रिक्स देश अपनी आर्थिक नीतियों को लेकर गंभीर हैं।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या ट्रंप का दावा सच है?
नहीं, ब्रिक्स देशों ने ट्रंप की धमकी के बावजूद सम्मेलन में पूरी एकता दिखाई।
ब्रिक्स का अगला सम्मेलन कब होगा?
ब्रिक्स का अगला सम्मेलन अभी तय नहीं है, लेकिन यह नियमित रूप से होता है।
क्या भारत ब्रिक्स मुद्रा लाने की कोशिश कर रहा है?
नहीं, भारत ने साझा मुद्रा लाने के विचार को पहले ही खारिज कर दिया है।