क्या ब्रिटेन में बलूच संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया?

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क्या ब्रिटेन में बलूच संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया?

सारांश

ब्रिटेन में बलूच संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें बलूचिस्तान में महिलाओं की जबरन गुमशुदगी का मुद्दा उठाया गया। यह प्रदर्शन मैनचेस्टर में हुआ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया। जानिए इस आंदोलन के पीछे की कहानी और इसके महत्व को।

Key Takeaways

  • ब्रिटेन में बलूच संगठनों का प्रदर्शन
  • जबरन गुमशुदगी का मुद्दा उठाया गया
  • फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट की भूमिका
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने की कोशिश
  • बलूच महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है

क्वेटा, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ब्रिटेन में बलूच राजनीतिक संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बलूचिस्तान में महिलाओं की जबरन गुमशुदगी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है। बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग करने वाले फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट ने यूनाइटेड किंगडम के मैनचेस्टर शहर में यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।

इस प्रदर्शन के माध्यम से संगठन ने बलूच महिलाओं के खिलाफ पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा की जा रही दमनात्मक कार्रवाइयों पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रदर्शन की तस्वीरें साझा करते हुए संगठन ने कहा कि पिछले एक महीने में बलूच महिलाओं के खिलाफ राज्य दमन में भारी वृद्धि हुई है। इसमें घरों से महिलाओं का अपहरण और उनकी जबरन गुमशुदगी की घटनाएं शामिल हैं।

संगठन ने कहा, “बलूच महिलाओं की बार-बार गिरफ्तारी और जबरन गुमशुदगी के विरोध में फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट ने मैनचेस्टर शहर में विरोध प्रदर्शन किया, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर खींचा जा सके।”

इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान स्थित एक मंच ने भी बलूचिस्तान में महिलाओं के प्रतिरोध आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त की और न्याय तथा जबरन गायब किए गए सभी बलूच नागरिकों की सुरक्षित वापसी की मांग का समर्थन किया।

खवातीन महाज़-ए-अमल (महिला एक्शन फोरम) ने एक बयान में पाकिस्तानी अधिकारियों से बलूच महिलाओं और अन्य लोगों की “रिहाई और सम्मानजनक बरी किए जाने” की मांग की, जिन्हें कथित तौर पर बिना मुकदमे के या “अन्यायपूर्ण और गैर-पारदर्शी” न्यायिक प्रक्रियाओं के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाला गया है।

वहीं, पिछले सप्ताह एक बलूच छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा बलूच महिलाओं की जबरन गुमशुदगी बलूचिस्तान में नरसंहार का सबसे क्रूर रूप है। संगठन ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं की चुप्पी को बेहद चिंताजनक बताया।

बलूच स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन आज़ाद द्वारा जारी बयान में कहा गया, “पाकिस्तानी सैन्य संस्थानों द्वारा बलूच परंपराओं का उल्लंघन और बलूच महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा असहनीय है। सामूहिक सजा के तौर पर बलूच महिलाओं को रोजाना जबरन गायब किया जा रहा है। उन्हें यातनाएं दी जाती हैं, झूठे मामले गढ़े जाते हैं और मीडिया ट्रायल के जरिए उनकी इज्जत और गरिमा को सार्वजनिक रूप से ठेस पहुंचाई जाती है। बुजुर्ग और बीमार महिलाओं को भी यातना केंद्रों में डालकर अमानवीय व्यवहार किया जाता है।”

बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि पाकिस्तानी सैन्य संस्थानों को बलूचिस्तान में इतनी खुली छूट दे दी गई है कि वे ड्रोन हमले और आधुनिक हथियारों से नागरिक आबादी पर बमबारी तक कर रहे हैं और इसे ‘आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई’ जैसे औपनिवेशिक नैरेटिव के पीछे छिपाकर सही ठहराया जा रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बलूच महिलाओं की स्थिति गंभीर है। यह मुद्दा न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर एक चुनौती भी है। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए और बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

ब्रिटेन में बलूच संगठनों का प्रदर्शन क्यों हुआ?
बलूच संगठनों ने बलूचिस्तान में महिलाओं की जबरन गुमशुदगी और उनके खिलाफ हो रहे दमन को उजागर करने के लिए प्रदर्शन किया।
फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट क्या है?
फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग करने वाला एक संगठन है।
क्या पाकिस्तान में बलूच महिलाओं का दमन हो रहा है?
जी हां, बलूच महिलाओं के खिलाफ दमन की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें जबरन गुमशुदगी शामिल है।
इस प्रदर्शन का उद्देश्य क्या है?
इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बलूच महिलाओं की स्थिति की ओर खींचना है।
क्या अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाएं इस पर कुछ कर रही हैं?
संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं की चुप्पी को चिंताजनक बताया है।
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