क्या ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने गाजा पर इजरायली नियंत्रण का विरोध किया?

सारांश
Key Takeaways
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने गाजा पर इजरायल के नियंत्रण का विरोध किया।
- अमेरिका ने स्टारमर के स्टैंड की आलोचना की।
- गाजा में लड़ाई का बढ़ता हुआ रक्तपात चिंता का विषय है।
- इजरायल के कदम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की जा रही है।
- राजनीति और कूटनीति की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने गाजा पर इजरायल के नियंत्रण की योजना का विरोध किया है। अमेरिका ने स्टारमर के इस स्टैंड का विरोध किया है। इजरायल पहुंचे अमेरिकी राजदूत ने स्टारमर पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यदि वह द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन की अगुआई कर रहे होते, तो नाजियों से हार जाते।
अमेरिकी दूत माइक हकबी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "क्या इजरायल से यह अपेक्षित है कि वह हमास के सामने आत्मसमर्पण करे और उन्हें खाना खिलाए, जबकि इजरायली बंधकों को भूखा रखा जा रहा है? क्या ब्रिटेन ने नाजियों के आगे घुटने टेक दिए और उन्हें खाना पहुंचाया? अगर आप उस समय (द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान) प्रधानमंत्री होते, तो ब्रिटेन आज जर्मन भाषा बोल रहा होता।"
वास्तव में, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट द्वारा गाजा पर नियंत्रण की योजना को लेकर कई देशों ने निंदा की है। इजरायल के इस कदम की जानकारी मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
स्टारमर ने कहा था, "इस कार्रवाई से इस संघर्ष को समाप्त करने या बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कोई मदद नहीं मिलेगी। इससे केवल रक्तपात बढ़ेगा।"
स्टारमर ने पिछले महीने फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की थी। कुछ ही दिन पहले फ्रांस ने कहा था कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा, जिससे इजरायल की कूटनीतिक चुनौती बढ़ रही है।
स्टारमर ने इजरायल से गाजा में युद्धविराम करने और द्वि-राज्य समाधान निकालने का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा, "फिलिस्तीनी लोगों ने भयानक कष्ट सहे हैं। गाजा में सहायता की कमी के कारण हम भूख से मरते हुए, खड़े होने में असमर्थ बच्चों की तस्वीरें देख रहे हैं। यह कष्ट अब समाप्त होना चाहिए।"
स्टारमर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ संबंध बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है और उन्हें अगले महीने राजा चार्ल्स तृतीय द्वारा आयोजित राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया है।
गुरुवार को इजरायल में ब्रिटिश राजदूत साइमन वाल्टर्स ने कहा कि इजरायल का पूरे गाजा पर कब्जा करना एक बहुत बड़ी भूल होगी। उन्होंने अमेरिका और इजरायल के उन आरोपों का खंडन किया कि ब्रिटेन द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने की योजना से हमास को लाभ होगा।
वाल्टर्स ने कहा, "आईडीएफ ने गाजा में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब और लड़ाई लड़कर उसे कुछ हासिल होने वाला नहीं है। युद्ध को और आगे बढ़ाने से केवल और मौतें होंगी, सैनिकों की मौतें, फिलिस्तीनियों की मौतें, और शायद बंधकों की भी मौतें।"
यदि इजरायल हमास को हराना चाहता है, तो वह सिर्फ सैन्य ताकत से ऐसा नहीं कर सकता। इसके लिए राजनीति और कूटनीति की जरूरत है, और गाजावासियों को हमास का विकल्प देना होगा।