क्या कंबोडिया में तीन साल की बच्ची को एच5एन1 बर्ड फ्लू हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- एच5एन1 बर्ड फ्लू
- कंबोडिया में अब तक 16 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण के स्रोत का पता लगाने का अभियान शुरू किया है।
- बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति नाजुक है और वह ICU में है।
- टेमीफ्लू
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कंबोडिया के कम्पोंग स्पू प्रांत में एक तीन साल की बच्ची में एच5एन1 बर्ड फ्लू की पुष्टि की गई है। यह एक ऐसा वायरस है जो पक्षियों से फैलता है और इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस वर्ष अब तक देश में कुल 16 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से पांच की मौत हो चुकी है।
15 अक्टूबर को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने बच्ची में एच5एन1 वायरस की पुष्टि की। बच्ची को तेज बुखार, दस्त, खांसी और पेट दर्द जैसी समस्याएं थीं, जिसके चलते उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों की एक टीम बच्ची का पूरा ध्यान रख रही है और उसकी स्थिति वर्तमान में नाजुक बताई जा रही है। वह अभी भी आईसीयू में भर्ती है।
बर्ड फ्लू से प्रभावित बच्ची बेस्डथ जिले के चेक गांव की निवासी है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जांच में पता चला कि लड़की के घर और उसके पड़ोसी के घर पर मुर्गियां और बत्तख बीमार पड़ गई थीं, और कुछ मर भी गई थीं। यह घटना लड़की के बीमार पड़ने से लगभग एक सप्ताह पहले हुई थी। इसलिए यह माना जा रहा है कि संभवतः वह पक्षियों से संक्रमित हुई है।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि वे संक्रमण के स्रोत का पूरी तरह से पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सके। साथ ही, वे उन सभी लोगों की जांच कर रहे हैं जो बच्ची के संपर्क में आए हैं। यह कदम इसलिए उठाए गए हैं ताकि संक्रमण को समय पर पकड़ा जा सके और बीमारी को समुदाय में फैलने से रोका जा सके।
बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए टेमीफ्लू नाम की दवा भी उन लोगों को दी गई है जो बच्ची के सीधे संपर्क में आए थे। यह दवा वायरल संक्रमण को रोकने और उसके दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थानीय निवासियों को सावधानी बरतने और स्वच्छता का ध्यान रखने की सलाह भी दी है।
कंबोडिया में इस वर्ष अब तक कुल 16 लोग एच5एन1 वायरस से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। यह संख्या चिंताजनक है क्योंकि एच5एन1 बर्ड फ्लू वायरस पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है, और यदि इसे समय पर नहीं रोका गया तो यह बीमारी बड़े स्तर पर फैल सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एवियन इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू वायरस पक्षियों को संक्रमित करता है, लेकिन कभी-कभी यह इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। इस वायरस के कारण पक्षियों में बड़ी संख्या में मौतें होती हैं, और इंसानों में भी संक्रमण के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
एच5एन1 वायरस सबसे पहले 1996 में चीन के ग्वांगडोंग क्षेत्र में पाया गया था। तब से यह वायरस पक्षियों में फैलता रहा है। 2020 के बाद इस वायरस का एक नया स्वरूप (जिसे एच5 क्लेड 2.3.4.4बी कहा जाता है) कई देशों में पक्षियों के लिए खतरनाक साबित हुआ है। अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कई देशों में इस वायरस के कारण पक्षियों की बड़ी संख्या में मौत हुई है। इसके बाद यह वायरस 2021 में उत्तरी अमेरिका पहुंचा और 2022 में मध्य और दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में भी फैल गया।