क्या मतभेदों को दरकिनार कर साझा लक्ष्यों पर ध्यान देना जरूरी है? : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

सारांश
Key Takeaways
- मातभेदों को भुलाना
- साझा लक्ष्यों पर ध्यान
- आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करना
- उच्च दक्षता के साथ निर्णय लेना
- नई रणनीतियों को अपनाना
तियानजिन, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की।
उन्होंने सदस्य देशों को संबोधित करते हुए संगठन की प्रगति और भविष्य की दिशा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ ने अपने विकास और सहयोग में ऐतिहासिक सफलताएं प्राप्त की हैं, जो इसकी ताकत को दर्शाती हैं।
शी जिनपिंग ने बताया कि शंघाई सहयोग संगठन अब दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन बन चुका है। इसकी पहुंच और प्रभाव बढ़ने से सदस्य देशों के बीच एकता मजबूत हुई है।
उन्होंने जोर दिया कि संगठन के सभी देशों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि क्षेत्रीय शांति और समृद्धि सुनिश्चित हो सके। एससीओ की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसके सदस्य एक-दूसरे के साथ कैसे तालमेल बनाते हैं।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि सदस्य देशों को अपनी छोटी-मोटी असहमतियों को भुलाकर आपसी सहयोग के रास्ते तलाशने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि मतभेदों को दरकिनार कर साझा लक्ष्यों पर ध्यान देना जरूरी है। यह दृष्टिकोण ही एससीओ को और मजबूत बनाएगा। उन्होंने सदस्य देशों से अपील की कि वे एक-दूसरे की प्रगति में योगदान दें, ताकि सभी को फायदा हो।
उन्होंने जोररणनीतियां अपनानी होंगी।
सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग ने सदस्य देशों से आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास और समझ से ही संगठन अपनी पहचान बना सकता है। तियानजिन में हुई यह बैठक क्षेत्रीय सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का वादा करती है।