क्या चीन ने साने ताकाइची की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी?

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क्या चीन ने साने ताकाइची की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी?

सारांश

चीन ने जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची की थाईवान पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। यह मामला एक-चीन सिद्धांत का उल्लंघन मानता है। जानिए इस विवाद का पूरा सच और चीन की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • चीन ने जापानी प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया।
  • थाईवान को चीन का हिस्सा मानने का सिद्धांत।
  • जापान के ऐतिहासिक अपराधों को ध्यान में रखने की आवश्यकता।
  • बाहरी ताकतों पर भरोसा करने की कोशिशें विफल होंगी।
  • डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को चेतावनी दी गई।

बीजिंग, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राज्य परिषद के थाईवान मामलों के कार्यालय ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान एक पत्रकार ने जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची की थाईवान पर की गई दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी के बारे में सवाल किया।

प्रवक्ता छन पिन्हुआ ने स्पष्ट किया कि दुनिया में केवल एक चीन है और थाईवान चीन का एक अभिन्न हिस्सा है। जापानी नेता द्वारा संसद में की गई यह दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी एक-चीन सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है और यह चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप करती है। हम इससे पूरी तरह असंतुष्ट हैं और इसका कड़ा विरोध करते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने इस मामले को जापान के समक्ष गंभीरता से उठाकर अपना विरोध दर्ज कराया है।

इतिहास में, जापान ने थाईवान को 50 वर्षों तक औपनिवेशिक गुलाम बनाए रखने के दौरान अनगिनत अपराध किए हैं। जापान को अपने इतिहास पर गहराई से आत्म-निरीक्षण करने की आवश्यकता है, एक-चीन सिद्धांत और चीन-जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों की भावना का पालन करना चाहिए। थाईवान मुद्दे पर अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को बनाए रखना चाहिए और इस विषय को अत्यंत सावधानी से संभालना चाहिए। हम थाईवान के डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) प्रशासन को चेतावनी देते हैं कि बाहरी ताकतों पर भरोसा करके थाईवान को चीन से अलग करने की कोई भी कोशिश निश्चित रूप से विफल होगी।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

यह स्पष्ट है कि चीन अपने आंतरिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा। जापान को अपने ऐतिहासिक अपराधों पर ध्यान देना चाहिए और इस प्रकार की टिप्पणियों से बचना चाहिए। इस मुद्दे पर सावधानी बरतना आवश्यक है, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

चीन ने जापानी प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर क्यों प्रतिक्रिया दी?
चीन ने साने ताकाइची की टिप्पणी को एक-चीन सिद्धांत का उल्लंघन मानते हुए कड़ा विरोध जताया है।
थाईवान के संबंध में जापान का इतिहास क्या है?
जापान ने थाईवान को 50 वर्षों तक औपनिवेशिक गुलाम बनाए रखा है और इस दौरान कई अपराध किए हैं।
चीन का थाईवान के प्रति क्या रुख है?
चीन के अनुसार, थाईवान चीन का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे अलग करने की कोई भी कोशिश विफल होगी।