क्या चीन-फ्रांस के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान तंत्र की बैठक पेरिस में हुई?

सारांश
Key Takeaways
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान में वृद्धि के लिए सहमति।
- द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का प्रयास।
- वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग।
- शिक्षा और संस्कृति में सहयोग को बढ़ावा देना।
- दोनों देशों की संस्कृति को समझने का प्रयास।
बीजिंग, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पेरिस में फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट के साथ चीन-फ्रांस उच्च स्तरीय जनता के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान तंत्र की सातवीं बैठक की सह-अध्यक्षता की।
वांग यी ने बताया कि पिछले मई में, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन-फ्रांस राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए फ्रांस की ऐतिहासिक यात्रा की थी, जिसने अगले 60 वर्षों के लिए संबंधों की दिशा निर्धारित की। दोनों पक्षों ने आपसी समझ बढ़ाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में तेजी लाने पर सहमति जताई। पिछले एक वर्ष में, राष्ट्राध्यक्षों की आम सहमति से मार्गदर्शित होकर, चीन और फ्रांस ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया है और सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए हैं। यह दोनों देशों की जनता के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की जीवंतता को दर्शाता है।
वांग यी ने कहा कि चीन और फ्रांस, पूर्वी और पश्चिमी सभ्यताओं के महत्वपूर्ण प्रतिनिधि हैं, जिनका लंबा इतिहास और समृद्ध संस्कृति है। चीन-फ्रांस के राजनयिक संबंधों की स्थापना केवल दो बड़े स्वतंत्र देशों के बीच सहयोग नहीं है, बल्कि यह दो महान सभ्यताओं का भी मिलन है। उच्च स्तरीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान तंत्र ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है।
बैरोट ने कहा कि चीन और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान समृद्ध और विविध है, जिसके कई महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं जो दोनों देशों के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बन गए हैं। यह न केवल मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए आधार प्रदान करता है, बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में भी सहायता करता है। फ्रांस शिक्षा, संस्कृति, वैज्ञानिक अनुसंधान, युवा, फिल्म और स्थानीय क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि एक घनिष्ठ और उच्च गुणवत्ता वाली साझेदारी स्थापित की जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)