क्या चीन ने 'आर्द्रभूमि संधि' के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया?

सारांश
Key Takeaways
- आर्द्रभूमि संधि का आयोजन जिम्बाब्वे में हुआ।
- चीन ने अपने आर्द्रभूमि संरक्षण अनुभव साझा किए।
- 20 वर्षों में चीन ने संरक्षण में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं।
- सम्मेलन में फ्रांस, मेडागास्कर और अन्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
- मुसोंडा मुम्बा ने चीन के प्रयासों की सराहना की।
बीजिंग, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जिम्बाब्वे के विक्टोरिया फॉल्स में आयोजित आर्द्रभूमि संधि के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन के दौरान, चीनी प्रतिनिधिमंडल ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में चीन ने आर्द्रभूमि प्रशासन और संरक्षण के अपने अनुभव साझा किए, जिसका विषय था, 'आर्द्रभूमि के उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिए चीन का समाधान: मनुष्य और प्रकृति के बीच जीवन का समुदाय बनाना।'
चीनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और राष्ट्रीय वानिकी एवं चरागाह प्रशासन के उप निदेशक यान चन ने इस अवसर पर बताया कि पिछले 20 वर्षों में, चीन के आर्द्रभूमि संरक्षण में एक ऐतिहासिक, महत्वपूर्ण और वैश्विक बदलाव आया है, जिससे मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की एक बेहतर स्थिति बनी है।
'आर्द्रभूमि संधि' के महासचिव मुसोंडा मुम्बा ने चीन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि चीन ने आर्द्रभूमि संरक्षण में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त किए हैं।
उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि चीन में 'अंतर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि शहरों' की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है।
मुम्बा ने यह भी बताया कि चीन का आर्द्रभूमि संरक्षण कानून न केवल स्पष्ट संसाधन सूची और सुदृढ़ डेटा प्रबंधन प्रणाली के निर्माण पर जोर देता है, बल्कि आर्द्रभूमि संरक्षण में शहरों की भूमिका और स्थिति को भी स्पष्ट करता है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में चीन, फ्रांस, मेडागास्कर, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के प्रतिनिधियों ने आर्द्रभूमि संरक्षण पर अपनी अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा किए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)