क्या चीन ने प्लाज्मा पर अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान कार्यक्रम शुरू किया?
सारांश
Key Takeaways
- चीन ने दहन प्लाज्मा पर अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान कार्यक्रम की शुरुआत की है।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृत्रिम सूर्य के विकास के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाना है।
- न्यूक्लियर फ्यूजन ऊर्जा को मानवता की परम ऊर्जा माना जाता है।
- बेस्ट उपकरण का निर्माण 2027 तक पूरा होगा।
- इससे 20 से 200 मेगावाट की फ्यूजन पावर हासिल करने का लक्ष्य है।
बीजिंग, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विज्ञान अकादमी ने सोमवार को आन्ह्वेइ प्रांत के हफेई शहर में दहन प्लाज्मा पर अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान कार्यक्रम की शुरुआत की और कॉम्पैक्ट फ्यूजन एनर्जी इक्स्पेरमन्ट फसिलिटी (बेस्ट) की वैश्विक अनुसंधान योजना को प्रस्तुत किया।
फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य दस से अधिक देशों के वैज्ञानिकों ने हफेई फ्यूजन घोषणा पत्र को पूरा किया और “कृत्रिम सूर्य” को जलाने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया।
बताया जा रहा है कि न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी वह ऊर्जा है जो सूर्य के फ्यूजन रिएक्शन से उत्पन्न ऊर्जा की नकल करती है। इसे मानव जाति की “परम ऊर्जा” कहा जाता है।
हाल के वर्षों में, चीन के न्यूक्लियर फ्यूजन पर अनुसंधान में तेजी आई है, जिसके चलते चीन ने कई बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चीन के अगले पीढ़ी के “कृत्रिम सूर्य” के रूप में बेस्ट उपकरण “जलाने” का मिशन पूरा करता है।
योजनानुसार, वर्ष २०२७ के अंत तक इस उपकरण का निर्माण पूरा होने के बाद इसकी लंबी पल्स स्थिर अवस्था की संचालन क्षमता की पुष्टि के लिए कई प्रायोगिक अनुसंधान किए जाएंगे। इसका लक्ष्य २० से २०० मेगावाट की फ्यूजन पावर हासिल करना है, ताकि ऊर्जा खपत से अधिक ऊर्जा उत्पादन किया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)