क्या चीन दक्षिणपंथी ताकतों की भड़काने वाली कार्रवाइयों को सख्ती से रोकेगा?

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क्या चीन दक्षिणपंथी ताकतों की भड़काने वाली कार्रवाइयों को सख्ती से रोकेगा?

सारांश

चीन और रूस ने जापान से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण सहमति व्यक्त की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों देशों ने औपनिवेशिक आक्रमण के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने का संकल्प लिया है।

Key Takeaways

  • चीन और रूस की संयुक्त सहमति महत्वपूर्ण है।
  • जापान के खिलाफ 80वीं सालगिरह का महत्व।
  • औपनिवेशिक आक्रमण के खिलाफ एकजुटता।

बीजिंग, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने 5 दिसंबर को आयोजित एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हाल ही में चीन-रूस रणनीतिक सुरक्षा परामर्श के दौरान, दोनों पक्ष जापान से जुड़े मुद्दों पर काफी हद तक आम सहमति पर पहुंचे।

लिन च्येन ने जानकारी दी कि इस वर्ष जापान के खिलाफ चीनी लोगों की युद्ध की विजय की 80वीं सालगिरह और सोवियत संघ के महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध की जीत की 80वीं सालगिरह मनाई जा रही है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने इस साल एक-दूसरे की यादगार गतिविधियों में भाग लिया और एकमत होकर दूसरे विश्व युद्ध में विजय की उपलब्धियों की मजबूती से रक्षा करने तथा औपनिवेशिक आक्रमण के खिलाफ किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करने पर सहमति जताई, जिससे न्याय और निष्पक्षता बनाए रखने का एक मजबूत संदेश दिया गया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

मेरा मानना है कि चीन और रूस की यह एकजुटता वैश्विक स्तर पर औपनिवेशिक आक्रमण के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह कदम न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय न्याय और निष्पक्षता के लिए भी एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

चीन और रूस का जापान के खिलाफ एकजुटता का क्या महत्व है?
यह एकजुटता क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देती है और औपनिवेशिक आक्रमण के खिलाफ मजबूत संदेश देती है।
क्या चीन दक्षिणपंथी ताकतों को रोकने में सफल होगा?
चीन की यह नीतियाँ दक्षिणपंथी ताकतों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध बन सकती हैं।
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