क्या जलवायु परिवर्तन से निपटने में चीन की भूमिका की सराहना हो रही है?
सारांश
Key Takeaways
- चीन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
- पारिस्थितिकी संतोषिता दर 90% से अधिक है।
- नवीन ऊर्जा वाहनों का उत्पादन में चीन की अग्रणी भूमिका है।
- चीन ने 43 विकासशील देशों के साथ सहयोग पर समझौते किए हैं।
- वन कवरेज दर 25% को पार कर गई है।
बीजिंग, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जलवायु परिवर्तन की समस्या वैश्विक स्तर पर गंभीर होती जा रही है, जिसके कारण कई क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं आम हो गई हैं। इस चुनौती का सामना करने के लिए हर देश को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। चीन के संदर्भ में, उसकी वैश्विक पर्यावरण और जलवायु गवर्नेंस में भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। चीन ने इस चुनौती से निपटने के लिए ठोस प्रयास किए हैं, जिससे वह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भागीदार से अग्रणी भूमिका में आ चुका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने वैश्विक स्तर पर अपनी जिम्मेदारी को समझा है और इस दिशा में प्रगति की है। पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय के पार्टी प्रमुख सुन चिनलोंग का कहना है कि चीन में पारिस्थितिकी पर्यावरण के प्रति लोगों की संतुष्टि दर लगातार चार वर्षों से 90 प्रतिशत से ज्यादा रही है। यह तेज आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को दर्शाता है।
कुछ वर्षों पहले तक चीन में प्रदूषण एक प्रमुख समस्या थी, जिसे चीन सरकार ने राष्ट्रपति के नेतृत्व में हल करने के लिए तत्परता से कदम उठाए। इसका प्रभाव आज स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
एक दशक पहले की तुलना में, देश के प्रमुख शहरों में फाइन पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) का औसत जमाव 56 फीसदी कम हुआ है। अत्यधिक प्रदूषण वाले दिनों में यह कमी लगभग 92 प्रतिशत है। यह दुनिया भर में एयर क्वालिटी में सुधार की सबसे तेज गति में से एक है। चीन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें शहरों की हरियाली बढ़ाना, वृक्षारोपण करना, और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग पर जोर देना शामिल है।
चीन पिछले दस वर्षों से नवीन ऊर्जा वाहनों के उत्पादन और बिक्री में दुनिया में सबसे आगे है। यहां न केवल इलेक्ट्रिक वाहन बन रहे हैं बल्कि आम लोग उनका सक्रियता से उपयोग कर रहे हैं, जो ग्रीन अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में चीन की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। इस दौरान, चीन में वन कवरेज दर 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जो विश्व के नए हरित क्षेत्र का एक चौथाई हिस्सा है।
समकालीन चीन अकादमी और विश्व अध्ययन के उपाध्यक्ष सुई स्याओफेइ के अनुसार, चीन ने 43 विकासशील देशों के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर 55 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं और 120 से अधिक देशों के पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया है।
इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि चीन वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझते हुए सक्रियता से काम कर रहा है। वह कार्बन उत्सर्जन को कम करने में योगदान देने के साथ-साथ ग्लोबल ऑर्डर में बदलाव को दिशा दे रहा है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)