क्या चीनी फिल्म डेड टू राइट्स ने उत्तरी अमेरिका में प्रीमियर पर भावनात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की?

सारांश
Key Takeaways
- डेड टू राइट्स फिल्म ने नानजिंग नरसंहार की सच्चाई को उजागर किया।
- दर्शकों ने फिल्म के प्रति गहरी भावनाएँ व्यक्त कीं।
- अगली पीढ़ी को इस इतिहास को समझने की आवश्यकता है।
बीजिंग, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चीनी फिल्म डेड टू राइट्स का उत्तरी अमेरिका में प्रीमियर 6 तारीख को वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में एक थिएटर में हुआ। फिल्म खत्म होने के बाद, हॉल में सन्नाटा छा गया और माहौल गंभीर हो गया।
“जापान, माफी मांगो!” दर्शकों में से एक ने अचानक चिल्ला दिया। कई दर्शकों के चेहरे पर आंसू थे और वे काफी समय तक अपनी सीटों से नहीं उठ सके।
विश्व बैंक में कार्यरत श्री मा ने चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि फिल्म देखने के बाद वे बहुत उदास हो गए थे। उन्हें उम्मीद है कि ज्यादा लोग इस फिल्म को देखेंगे ताकि नानजिंग नरसंहार के दुखद इतिहास को विश्व याद रख सके।
अमेरिका में चीनी भाषा के टेलीविजन स्टेशन “वर्ल्ड टुडे” के संस्थापक हुआंग जीपिंग ने कहा कि फिल्म डेड टू राइट्स प्रवासी चीनियों को नानजिंग में जापानी आक्रमणकारियों द्वारा किए गए जघन्य अपराधों को समझने की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि जापान की दक्षिणपंथी ताकतें इन ऐतिहासिक तथ्यों को नकारती रही हैं। उन्होंने फिल्म का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करने का आह्वान किया ताकि अधिक से अधिक लोग इतिहास की सच्चाई को जान सकें।
20 साल से अधिक समय से अमेरिका में रहने वाले जाओ जिए ने कहा, “हम इस इतिहास को नहीं भूलेंगे,” और उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली पीढ़ी भी इस इतिहास को समझेगी।
अमेरिका में चीनी राजदूत शिए फेंग ने प्रीमियर में भाग लिया और प्रवासी चीनी एवं विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ फिल्म देखी।
(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)