क्या क्यूबा के राष्ट्रपति ने सीएमजी के साथ विशेष साक्षात्कार में क्या कहा?

सारांश
Key Takeaways
- क्यूबा के राष्ट्रपति ने चीन के विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ पर विचार साझा किए।
- उन्होंने वैश्विक शासन पहल के महत्व पर जोर दिया।
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हो रहे हैं।
- क्यूबा की 2030 विकास योजना चीन के समर्थन से आगे बढ़ेगी।
- सैन्य परेड ने चीनी सेना की शक्ति और शौर्य को प्रदर्शित किया।
बीजिंग, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज कानेल बर्मुडेज ने इस सितंबर की शुरुआत में चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाने के अवसर पर भाग लिया। इस दौरान उन्होंने सीएमजी को एक विशेष साक्षात्कार दिया। उन्होंने चीन का विजय दिवस मनाने के महत्व, वैश्विक शासन पहल और द्विपक्षीय संबंध पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि चीनी जनता का जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाने की गतिविधियों ने उन पर गहरा प्रभाव डाला। वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा इतिहास की सच्चाई की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों से प्रेरित हैं। इसके अलावा, सैन्य परेड ने चीनी सेना का शौर्य, शक्ति, संगठन की श्रेष्ठता और विकास की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया। प्रभुत्ववाद के प्रति चीन ने एक सशक्त प्रतिक्रिया दी। इसने विशेषकर ग्लोबल साउथ के देशों में मजबूत विश्वास जगाया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी द्वारा एससीओ शिखर सम्मेलन में वैश्विक शासन पहल प्रस्तुत करने के बाद, क्यूबा ने इसका सबसे पहले समर्थन किया। मुझे लगता है कि वैश्विक शासन पहल मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चीन ने असाधारण सफलता प्राप्त की है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वास स्थापित किया है। इसलिए, चीन द्वारा प्रस्तुत वैश्विक शासन पहल विश्वसनीय है।
द्विपक्षीय संबंध की चर्चा में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच आर्थिक, सामाजिक और व्यापारिक क्षेत्रों में कई सहयोगी परियोजनाएं सफलतापूर्वक संपन्न हुई हैं, जो क्यूबा के खाद्य, ऊर्जा, दूर संचार और साइबर सुरक्षा, पर्यटन, उद्योग, जीव तकनीक और दवा से संबंधित हैं। क्यूबा की 2030 आर्थिक और सामाजिक विकास योजना चीन के डटकर समर्थन के तहत स्थिरता से आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान के इतिहास में हमेशा द्विपक्षीय संबंध प्राथमिकता पर रहते हैं और हम उन्हें निरंतर उच्च स्तर पर बढ़ा रहे हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)