क्या युगांतकारी बदलाव के दौर में यूरोप को अपने हितों की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ा होना होगा?
सारांश
Key Takeaways
- यूरोप को अपने हितों की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ा होना होगा।
- जर्मनी को अपनी सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करना होगा।
- आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना अनिवार्य है।
- अमेरिका पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता है।
- वर्ष 2026 यूरोप के लिए निर्णायक हो सकता है।
बर्लिन, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने अपने नए साल के संबोधन में कहा कि तेजी से बदलते और अस्थिर होते वैश्विक हालात के बीच यूरोप को अपने हितों की रक्षा के लिए पहले से कहीं अधिक मजबूती से खड़ा होना होगा। उन्होंने मौजूदा वैश्विक स्थिति को “युगांतकारी बदलाव” करार दिया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अपने संबोधन में मर्ज़ ने कहा कि दुनिया आज भू-राजनीतिक उथल-पुथल, संरक्षणवाद की वापसी और ट्रांस-अटलांटिक संबंधों में बदलाव के दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारी साझेदारी, जो लंबे समय तक हमारी सुरक्षा की भरोसेमंद गारंटी रही है, अब बदल रही है। ऐसे में हम यूरोपीय देशों के लिए जरूरी हो गया है कि हम अपने हितों की रक्षा और उन्हें स्थापित करने की जिम्मेदारी खुद उठाएं।”
सुरक्षा के मुद्दे पर मर्ज़ ने कहा कि दीर्घकालिक शांति सुनिश्चित करने के लिए जर्मनी को अपनी प्रतिरोधक और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना होगा।
आर्थिक मोर्चे पर उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 के संघीय चुनावों के बाद गठित उनकी सरकार जर्मनी की प्रतिस्पर्धात्मकता को दोबारा मजबूत करने पर ध्यान देगी। इसके लिए अनावश्यक लालफीताशाही कम करने और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
मर्ज़ ने कहा, “हम बाहरी परिस्थितियों के शिकार नहीं हैं और न ही हम किसी महाशक्ति की दया पर निर्भर हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2026 जर्मनी और यूरोप दोनों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा, “यह वह साल हो सकता है, जब जर्मनी और यूरोप नई ताकत के साथ शांति, स्वतंत्रता और समृद्धि के दशकों पुराने रास्ते से फिर जुड़ें।”
इस महीने की शुरुआत में मर्ज़ ने अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के कुछ हिस्सों को यूरोपीय दृष्टिकोण से “अस्वीकार्य” बताया था। उन्होंने कहा था कि जर्मनी और यूरोप को सुरक्षा नीति के मामले में अमेरिका पर निर्भरता कम करनी चाहिए।
राइनलैंड-पालाटिनेट राज्य में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मर्ज़ ने कहा कि वह इस दस्तावेज से “हैरान नहीं” हैं और कुछ पहलुओं को समझने योग्य बताया।
हालांकि, उन्होंने अमेरिकी रणनीति के कुछ हिस्सों से असहमति जताई। मर्ज़ ने कहा, “मुझे इसमें कोई जरूरत नहीं दिखती कि अमेरिका अब यूरोप में लोकतंत्र को बचाने की बात करे। अगर इसे बचाने की जरूरत पड़ी, तो हम खुद यह काम कर लेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि रणनीति में “अमेरिका फर्स्ट” सिद्धांत साफ तौर पर झलकता है। मर्ज़ ने कहा, “‘अमेरिका फर्स्ट’ को हम समझ सकते हैं, लेकिन ‘अमेरिका अकेला’ अमेरिका के हित में नहीं हो सकता। दुनिया में आपको साझेदारों की जरूरत है।”
अमेरिकी और यूरोपीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 पन्नों की अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में यूरोप को महज ढाई पन्नों से थोड़ा अधिक स्थान दिया गया है। फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह दस्तावेज वाशिंगटन और उसके पारंपरिक सहयोगियों के बीच उभरे वैचारिक अंतर को उजागर करता है।