क्या पूर्व राष्ट्रपति सरकोजी को जेल में भेजने का फैसला फ्रांस का अपमान है?

सारांश
Key Takeaways
- सरकोजी को पांच साल की सजा सुनाई गई है।
- उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है।
- वे जेल की सजा को स्वीकार करते हैं।
- यह फैसला फ्रांस के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।
पेरिस, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को पेरिस की अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है। कोर्ट के बाहर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सरकोजी ने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि मैं ने कोई गुनाह नहीं किया और आज मेरा नहीं बल्कि फ्रांस का अपमान हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वे जेल की सजा को सिर ऊंचा करके स्वीकार करते हैं।
सरकोजी ने कहा कि चार में से तीन आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया है और केवल अपने सहयोगियों के साथ ‘आपराधिक साजिश’ के आरोप में दोषी पाया गया है।
उन्होंने कहा कि वे मैदान छोड़कर नहीं भागेंगे, उनका पता सभी को ज्ञात है, और एक सार्वजनिक व्यक्ति होने के नाते, वे अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते। अदालत द्वारा उन्हें जेल भेजने के फैसले की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "अगर वे चाहते हैं कि मैं जेल में सोऊं, तो मैं जेल में सोऊंगा, लेकिन सिर ऊंचा करके।"
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चूंकि उन्हें जेल जाने से पहले अदालत में पेश होना होगा, इसलिए उम्मीद है कि आलोचकों को भी अपनी बात रखने का भरपूर समय मिलेगा। जो लोग मुझसे इतनी नफरत करते हैं, वे सोचते हैं कि वे मुझे अपमानित कर सकते हैं। आज उन्होंने फ्रांस को, फ्रांस की छवि को अपमानित किया है।
उन्होंने इस फैसले को ‘अन्याय’ बताया और कहा कि उन्हें अपनी बेगुनाही का पूरा यकीन है और वे अपील करेंगे।
आरोप है कि दिवंगत लीबियाई तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी ने 2007 में सरकोजी को राष्ट्रपति पद के चुनाव में धन मुहैया कराया था और बदले में सरकोजी ने वैश्विक मंच पर उनकी साख बचाने का दावा किया था।
पेरिस की एक अदालत ने पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी पाते हुए पांच साल की सजा सुनाई है और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया है। अदालत ने आदेश दिया कि सरकोजी को बाद में हिरासत में रखा जाए, और अभियोजकों को पूर्व राष्ट्राध्यक्ष को अपनी सहूलियत के अनुसार एक महीने के भीतर जेल जाने की तारीख चुनने को कहा है।
अगर 70 वर्षीय सरकोजी इस फैसले के खिलाफ अपील भी करते हैं, तो भी यह फैसला लागू रहेगा। अगर उन्हें जेल जाना पड़ा, तो वे आधुनिक फ्रांस के इतिहास में जेल जाने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे। उन पर 100,000 यूरो (117,000 डॉलर) का जुर्माना भी लगाया गया है और उन्हें सार्वजनिक पद धारण करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।