क्या भारतीय घाना के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं? पीएम मोदी ने राष्ट्रपति महामा को दिया भारत आने का निमंत्रण

Click to start listening
क्या भारतीय घाना के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं? पीएम मोदी ने राष्ट्रपति महामा को दिया भारत आने का निमंत्रण

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने घाना यात्रा के दौरान राष्ट्रपति महामा के साथ महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया। उन्होंने भारत-घाना संबंधों को मजबूत करने की बात की और घाना में रह रहे भारतीय समुदाय का भी जिक्र किया। क्या यह दौरा दोनों देशों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेगा?

Key Takeaways

  • घाना में भारत की विकास साझेदारी महत्वपूर्ण है।
  • अर्थव्यवस्था और शिक्षा में सहयोग बढ़ेगा।
  • भारतीय कंपनियाँ खनिज अन्वेषण में सहयोग देंगी।
  • घाना में रह रहे भारतीय समुदाय का योगदान सराहनीय है।
  • आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता बढ़ेगी।

अकरा, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना दौरे के दौरान राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के साथ संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने इस दौरे को गर्व का अवसर बताते हुए कहा कि घाना में जिस आत्मीयता, गर्मजोशी और सम्मान से हमारा स्वागत हुआ, उसके लिए मैं दिल से आभारी हूं।

पीएम मोदी ने साझा बयान में कहा, "तीन दशकों के लंबे अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना यात्रा हो रही है। मुझे इस अवसर पर गर्व है। राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर स्वयं आना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है। दिसंबर 2024 के आम चुनावों में राष्ट्रपति महामा की शानदार जीत पर मैं उन्हें बधाई देता हूं। यह घाना के लोगों का उनके नेतृत्व और विजन के प्रति गहरे विश्वास का प्रतीक है।"

उन्होंने भारत-घाना संबंधों पर भी प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने कहा, "हमारी मित्रता के केंद्र में साझे मूल्य, संघर्ष और समावेशी भविष्य के प्रति साझा सपने हैं। घाना आज भी पश्चिम अफ्रीका में एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में अन्य देशों के लिए 'आशा की किरण' है। हमने द्विपक्षीय साझेदारी को व्यापक बनाने का निर्णय लिया है।"

उन्होंने कहा, "यह भव्य जुबिली हाउस, विदेश सेवा संस्थान, कोमैंडा शुगर फैक्ट्री, इंडिया-घाना कोफी अन्नान आईसीटी सेंटर, और ‘तेमा पकदन रेलवे लाइन’ हमारी साझेदारी के प्रतीक हैं। हमारा द्विपक्षीय व्यापार 3 बिलियन डॉलर पार कर चुका है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने विकास को भारत-घाना की साझेदारी का मुख्य स्तंभ बताया और कहा, "हम राष्ट्रपति महामा के ‘आर्थिक पुनर्गठन’ में भारत के सहयोग का आश्वासन देते हैं। हमने घाना के लिए आईटेक और आईसीसीआर स्कॉलरशिप को दोगुना करने का निर्णय लिया है।"

उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण और माइनिंग में सहयोग देंगी। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और अन्य मंचों पर हम पहले से सहयोग कर रहे हैं। घाना के नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग के लिए हमने उन्हें वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन से जुड़ने का आमंत्रण दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हम दोनों ग्लोबल साउथ के सदस्य हैं और उसकी प्राथमिकताओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए हम घाना का आभार प्रकट करते हैं।"

घाना में रह रहे भारतीय समुदाय का भी उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा, "घाना में भारतीय समुदाय हमारे पीपल-टू-पीपल संबंधों की विशेष कड़ी है। मैं आपको भारत यात्रा का निमंत्रण देता हूं।"

Point of View

बल्कि विकास की नई संभावनाओं को भी जन्म देगा। यह एक सकारात्मक कदम है, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी की घाना यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
प्रधानमंत्री मोदी की घाना यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-घाना संबंधों को मजबूत करना और विकास साझेदारी को बढ़ावा देना था।
क्या घाना में भारतीय समुदाय का कोई विशेष योगदान है?
हाँ, घाना में भारतीय समुदाय ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, विशेषकर शिक्षा और स्वास्थ्य में।
भारत-घाना व्यापार का मौजूदा स्तर क्या है?
भारत-घाना द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में 3 बिलियन डॉलर से अधिक है।
भारत घाना को किस प्रकार का विकास सहयोग प्रदान करेगा?
भारत घाना को आईटेक, स्कॉलरशिप, और कृषि विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करेगा।
क्या भारत-घाना के बीच सुरक्षा संबंधों में कोई सुधार होगा?
जी हाँ, भारत और घाना के बीच सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए विचार-विमर्श किया गया है।
Nation Press