क्या बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमलों की संख्या बढ़ रही है?
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमलों में वृद्धि हो रही है।
- 15 सैनिक हाल ही में मारे गए हैं।
- बीएलए, बीएलएफ और बीआरजी ने जिम्मेदारी ली है।
- हमले बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं।
- स्वतंत्रता की मांग के चलते संघर्ष जारी है।
क्वेटा, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले एक हफ्ते में पाकिस्तानी सेना के 15 सैनिकों की मौत हो चुकी है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (बीआरजी) ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। इन क्षेत्रों में केच, पंजगुर, तुर्बत, सुराब और नसीराबाद शामिल हैं।
बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने बताया कि 23 दिसंबर को केच जिले के तेजबन में एक पाकिस्तानी आर्मी पोस्ट पर एक हमले में दो सैनिक मारे गए और पोस्ट के सर्विलांस कैमरे नष्ट कर दिए गए।
बीएलए ने कहा कि 25 दिसंबर को पंजगुर जिले के कटगरी इलाके में एक सैन्य वाहन को रिमोट-कंट्रोल्ड विस्फोटक से निशाना बनाया गया, जिसमें छह पाकिस्तानी जवान मारे गए और चार अन्य घायल हुए।
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा कि रविवार को एक विस्फोटक हमले में तुर्बत के डांक इलाके में एक कम्युनिकेशन टावर को नष्ट कर दिया गया।
बीएलएफ ने 27 दिसंबर को सुराब जिले के बाथगु क्रॉस पर एक रोडब्लॉक ऑपरेशन शुरू करने का दावा किया, जिसमें चार पाकिस्तानी सिक्योरिटी गाड़ियां शामिल थीं।
बीआरजी ने बताया कि नसीराबाद जिले में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर फायरिंग की गई, जिसमें दो सैनिक मारे गए। ग्रुप ने कहा कि वे बलूचिस्तान की आजादी तक ऐसे हमले जारी रखेंगे।