क्या अयोध्या में भगवान श्रीराम की सोने और हीरे से जड़ी प्रतिमा का अनावरण किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- भगवान श्रीराम की सोने और हीरे से जड़ी प्रतिमा का अनावरण हुआ।
- प्रतिमा का निर्माण जयश्री ने किया है।
- इसमें नौ महीने का समय लगा है।
- प्रतिमा को तंजावुर शैली में बनाया गया है।
- प्रतिमा की वास्तविक कीमत 100 करोड़ रुपए नहीं है।
अयोध्या, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोमवार को कर्नाटक से लाई गई सोने और हीरे से जड़ी भगवान श्रीराम की प्रतिमा का अनावरण हुआ है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस विशेष अवसर पर प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर प्रतिमा की निर्माणकर्ता जयश्री के पति डॉ. फणीश भी उपस्थित रहे, जिन्होंने निर्माण के अनुभव साझा किए।
कर्नाटक के उड्डपी के पेजावर मठ के धर्माध्यक्ष स्वामी विश्व प्रसन्ना तीर्थ की भक्त जयश्री ने इस प्रतिमा का निर्माण किया है, जिसमें उन्होंने दक्षिण भारत की तंजावुर शैली का उपयोग किया है।
प्रतिमा को लकड़ी, थर्माकोल और रंगीन रंगों से तैयार किया गया है, और इसके बाद सोने और हीरों से इसे पूर्णता प्रदान की गई है। शीशम की लकड़ी और कांच के फ्रेम का उपयोग कर इसे कवर किया गया है।
डॉ. फणीश ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि उनकी पत्नी ने इस प्रतिमा को बनाने में अत्यधिक मेहनत की है। पहले भी उनकी बनाई कई प्रतिमाएं मंदिरों को भेंट की जा चुकी हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्होंने भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप को आकार दिया है। प्रतिमा का निर्माण उन्होंने अपने खर्च पर किया।
उन्होंने बताया कि इस प्रतिमा के निर्माण में नौ महीने का समय लगा है, और इसमें कई प्रकार के स्टोन का उपयोग किया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर इसकी कीमत 100 करोड़ रुपए बताई जा रही है, जो गलत है। यह प्रतिमा उनकी मेहनत और सामर्थ्य का परिणाम है।
मंदिर को प्रतिमा भेंट करना एक भक्त की सच्ची श्रद्धा को दर्शाता है, जिसने बिना किसी सहायता के अपने सामर्थ्य के अनुसार यह प्रिय प्रतिमा भेंट की है।