क्या अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस को सौंपने की ट्रंप की मांग को ठुकरा दिया?

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क्या अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस को सौंपने की ट्रंप की मांग को ठुकरा दिया?

सारांश

अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस पर अमेरिकी धमकियों को सिरे से खारिज कर दिया है। अफगान अधिकारियों ने विदेशी सैन्य उपस्थिति के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा होने का संकल्प व्यक्त किया है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और अमेरिका के साथ चल रही वार्ताएं।

Key Takeaways

  • अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस पर अमेरिकी धमकियों को खारिज किया।
  • अफगान सरकार विदेशी सैन्य उपस्थिति का विरोध करेगी।
  • अफगान रक्षा मंत्री ने लड़ाई के लिए तैयार रहने की बात कही।
  • बगराम एयरबेस का इतिहास और महत्व।
  • अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच बातचीत चल रही है।

काबुल, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगान अधिकारियों ने बगराम एयरबेस पर पुनः कब्जा करने की अमेरिकी धमकियों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि विदेशी सैन्य उपस्थिति को दोबारा स्थापित करने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध किया जाएगा।

जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस के पूर्व डिप्टी मुल्ला ताजमीर जवाद ने अमेरिका के रणनीतिक हवाई क्षेत्र पर पुनः कब्जा करने की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अफगान सरकार मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा, "हमारा जवाब है, यदि आप नहीं जाते और हवाई अड्डे की मांग करते हैं, तो हम अगले 20 वर्षों तक लड़ने के लिए तैयार हैं।"

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अफगान विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने अमेरिका की वापसी की धारणा को खारिज करते हुए कहा कि अफगान लोगों ने 'अपने क्षेत्र में विदेशी सैनिकों को कभी स्वीकार नहीं किया है।'

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन के साथ किसी भी बातचीत में बगराम एयरबेस को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

यह मामला तब सामने आया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार (अमेरिकी समयानुसार) को अफगानिस्तान को चेतावनी देते हुए बगराम एयरबेस को अमेरिका को पुनः सौंपने की बात कही।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, "यदि अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके निर्माणकर्ताओं, अर्थात् संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस नहीं करता है, तो बुरी घटनाएं घटेंगी।"

ट्रंप ने पहले भी कहा था कि वाशिंगटन इस एयरबेस पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। यह एयरबेस 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद अमेरिकी सेना के लिए एक प्रमुख संचालन केंद्र था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा था कि इस मामले पर अफगानिस्तान के साथ बातचीत चल रही है।

2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद, अफगानिस्तान में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा बगराम एयरबेस तालिबान के द्वारा कब्जा कर लिया गया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंदन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हम बगराम एयरबेस को पुनः अपने कब्जे में लेना चाहते हैं।

यहां तक कि ट्रंप ने अगस्त 2021 में अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीति की आलोचना भी की थी।

काबुल से 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित बगराम एयरबेस, अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन बलों की 20 साल की सैन्य उपस्थिति के दौरान अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के मुख्य सैन्य अड्डे के रूप में कार्य करता था।

Point of View

मेरा दृष्टिकोण यह है कि अफगानिस्तान की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। यह स्थिति एक संवेदनशील मुद्दा है, जहां स्थानीय सरकार को अपने क्षेत्र में विदेशी हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। हमें समझना चाहिए कि अफगानिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने निर्णय स्वयं लें।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस को लेकर क्या कहा?
अफगान अधिकारियों ने बगराम एयरबेस पर पुनः कब्जा करने की अमेरिकी धमकियों को खारिज कर दिया है।
क्या अफगान रक्षा मंत्री ने अमेरिका से लड़ने की बात कही?
हाँ, अफगान रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि अमेरिका बगराम एयरबेस पर फिर से कब्जा करने की कोशिश करता है, तो वे अगले 20 साल तक लड़ने के लिए तैयार हैं।
बगराम एयरबेस का महत्व क्या है?
बगराम एयरबेस 20 साल तक अमेरिकी सेना का मुख्य संचालन केंद्र रहा है और 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद से महत्वपूर्ण रहा है।