क्या सिडनी में मास शूटिंग के बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह कदम प्रभावी होगा?

Click to start listening
क्या सिडनी में मास शूटिंग के बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह कदम प्रभावी होगा?

सारांश

सिडनी में बोंडी बीच पर यहूदियों पर हुए हमले के बाद, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने बायबैक स्कीम की घोषणा की है। पीएम एंथनी अल्बनीज ने कहा कि इस योजना से लाखों हथियार इकट्ठा कर नष्ट किए जाएंगे। जानें इस कदम के पीछे की वजह और क्या इससे स्थिति में सुधार होगा।

Key Takeaways

  • ऑस्ट्रेलिया में बायबैक स्कीम शुरू होने जा रही है।
  • सिडनी में हुई मास शूटिंग ने कानून में बदलाव की मांग की।
  • सरकार का उद्देश्य हथियारों की संख्या कम करना है।
  • इस योजना से लाखों हथियारों का नष्ट होना संभव है।
  • साजिद अकरम का ऑस्ट्रेलिया से क्या संबंध है।

कैनबरा, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदियों पर हुए हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया में कानूनों में बदलाव पर चर्चा तेज हो गई है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने शुक्रवार को घोषणा की कि बोंडी बीच शूटिंग के बाद बंदूकनेशनल फायरआर्म बायबैक स्कीम शुरू की जाएगी।

कैनबरा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम अल्बनीज ने कहा कि संघीय सरकार सरप्लस, नए प्रतिबंधित और गैरकानूनी हथियारों को खरीदने और नष्ट करने के लिए एक नेशनल बायबैक शुरू करेगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में 40 लाख से अधिक हथियार हैं, जो पोर्ट आर्थर हत्याकांड के समय की संख्या से भी ज्यादा हैं।

बायबैक के तहत संग्रहण, प्रसंस्करण और भुगतान के लिए ऑस्ट्रेलिया के राज्य और क्षेत्र जिम्मेदार होंगे, जबकि सरेंडर किए गए हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस की होगी।

वास्तव में, 1996 में तस्मानिया के आइलैंड स्टेट के पोर्ट आर्थर नरसंहार में 35 लोगों की हत्या कर दी गई थी और लगभग 37 लोग घायल हुए थे। इस जानलेवा फायरिंग के बाद एक नया कानून लाया गया, जिसे गन बायबैक कहा जाता है, जिसके तहत बड़ी संख्या में हथियार वापस लेकर नष्ट कर दिए गए थे। नेशनल बायबैक भी इसी तर्ज पर लाया जा रहा है।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस स्कीम से लाखों हथियार इकट्ठा किए जाएंगे और नष्ट किए जाएंगे। इस बीच पुलिस ने बताया कि सिडनी के बोंडी बीच पर हुई मास शूटिंग में शामिल दो हथियारबंद लोगों में से एक, साजिद अकरम, वास्तव में हैदराबाद का निवासी है, लेकिन 1998 में ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद से उसका परिवार से कम ही संपर्क रहा।

तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक बी शिवधर रेड्डी ने भी कहा है कि 1998 में भारत छोड़ने से पहले अकरम का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था। जांच में पता चला कि साजिद अकरम हैदराबाद का निवासी था। उसने हैदराबाद में बीकॉम की डिग्री पूरी की और नवंबर 1998 में नौकरी की तलाश में ऑस्ट्रेलिया चला गया था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह कदम सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। ऐसे समय में जब हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं, इस प्रकार की नीतियों से हम एक सुरक्षित समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

ऑस्ट्रेलिया की बायबैक स्कीम क्या है?
बायबैक स्कीम के तहत सरकार सरप्लस, नए प्रतिबंधित और गैरकानूनी हथियारों को खरीदकर नष्ट करेगी।
बोंडी बीच पर शूटिंग क्यों हुई?
यहूदियों पर हुए हमले के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया।
साजिद अकरम का क्या संबंध है?
साजिद अकरम हैदराबाद का निवासी है और 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था।
Nation Press