क्या बलूचिस्तान बिकाऊ है? मीर यार बलूच ने ट्रंप को चेतावनी दी

सारांश
Key Takeaways
- बलूचिस्तान के संसाधनों का नियंत्रण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- मीर यार बलूच ने ट्रंप को चेतावनी दी है कि बलूचिस्तान बिकाऊ नहीं है।
- पाकिस्तान की सेना और आईएसआई का नियंत्रण वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
क्वेटा, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान में विशाल तेल भंडार विकसित करने की योजना की घोषणा की, जिसके बाद बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने उन्हें पत्र लिखकर चेताया।
मीर यार बलूच ने कहा कि इस्लामाबाद के सैन्य नेतृत्व ने अमेरिका को पाकिस्तान के संसाधनों के "वास्तविक भूगोल और स्वामित्व" के बारे में गुमराह किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये तेल भंडार पंजाब में नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में हैं।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर यह घोषणा की थी कि अमेरिका और पाकिस्तान ने देश के तेल भंडारों के विकास के लिए एक समझौता किया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, मीर यार बलूच ने कहा कि ट्रंप द्वारा क्षेत्र के तेल और खनिज भंडार की पहचान "सही" है, लेकिन उन्होंने बताया कि ये भंडार "पंजाब में नहीं, जो असली पाकिस्तान है," बल्कि "बलूचिस्तान गणराज्य में स्थित हैं, जो एक ऐतिहासिक रूप से स्वतंत्र राष्ट्र है और वर्तमान में पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा इन संसाधनों पर दावा करना "न केवल झूठा है, बल्कि यह एक जानबूझकर प्रयास है ताकि बलूचिस्तान की संपत्ति को राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए हड़पने का प्रयास किया जा सके।"
मीर यार बलूच ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान की कट्टरपंथी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई बलूचिस्तान के खनिजों तक पहुंच जाती है, तो यह अमेरिका और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होगा।
उन्होंने कहा, "बलूचिस्तान के ट्रिलियन डॉलर मूल्य के दुर्लभ खनिज संसाधनों तक पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की पहुंच देना एक रणनीतिक भूल होगी। इससे इनकी आतंकी क्षमताएं बढ़ेंगी, और वे नई भर्तियां कर 9/11 जैसे हमलों को अंजाम देने में सक्षम हो सकते हैं।"
उन्होंने बताया कि बलूचिस्तान के लूटे गए संसाधनों से प्राप्त लाभ न तो वहां की जनता को मिलेगा और न ही क्षेत्रीय शांति को, बल्कि ये फंड "भारत और इजरायल विरोधी जिहादी गुटों" को मजबूत करेंगे और पूरे दक्षिण एशिया समेत वैश्विक स्थिरता को भी खतरे में डालेंगे।
मीर यार बलूच ने दोहराया कि यह केवल बलूच जनता के अधिकार की बात नहीं है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा का भी सवाल है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "बलूचिस्तान बिकाऊ नहीं है। हम पाकिस्तान, चीन या किसी अन्य विदेशी शक्ति को हमारे संसाधनों का दोहन करने की अनुमति नहीं देंगे जब तक बलूच की जनता की स्पष्ट सहमति नहीं ली जाती। हमारा संप्रभु अधिकार गैर-मोल है और हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई गरिमा और संकल्प के साथ जारी है।"