क्या अवामी लीग ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा उठाया और निष्पक्ष चुनाव की मांग की?

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क्या अवामी लीग ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा उठाया और निष्पक्ष चुनाव की मांग की?

सारांश

अवामी लीग ने बांग्लादेश में बढ़ते इस्लामी उग्रवाद, आर्थिक संकट और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई है। पार्टी ने निष्पक्ष चुनाव की मांग की है, ताकि देश की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। क्या यह बांग्लादेश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है?

Key Takeaways

  • अवामी लीग ने बांग्लादेश में इस्लामी उग्रवाद और आर्थिक संकट पर जोर दिया है।
  • निष्पक्ष चुनाव की मांग की गई है।
  • बांग्लादेश में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है।
  • आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।
  • पुलिस की जांच और कार्रवाई में कमी आई है।

ढाका, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अवामी लीग ने मंगलवार को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर तीखा निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि इस सरकार के शासन में इस्लामी उग्रवाद, आर्थिक पतन, बेरोजगारी और बिगड़ी कानून व्यवस्था के कारण बांग्लादेश आज तक के अपने सबसे गंभीर संकट का सामना कर रहा है।

अवामी लीग ने स्पष्ट किया कि इस संकट से निपटने का एकमात्र सटीक उपाय स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी राष्ट्रीय चुनाव कराना है, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दल एक तटस्थ कार्यवाहक व्यवस्था के तहत भाग लें।

पार्टी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2025 में बांग्लादेश का संकट और अधिक गहराने वाला है, क्योंकि 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के स्थान पर आने वाली सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार स्थिरता लाने में असफल रही है, जिससे अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और लोकतंत्र की स्थिति बिगड़ गई है।

अवामी लीग ने बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवाद और उग्रवाद के बढ़ते खतरे पर भी ध्यान दिया है। पार्टी के अनुसार, अक्टूबर 2024 से अब तक कम से कम 15 इस्लामी हमले हुए हैं। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चरमपंथी समूहों में युवाओं की भर्ती तेजी से बढ़ रही है और ऑनलाइन हजारों लोगों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2025 की पहली छमाही में ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथियों द्वारा की गई हिंसा की 40 से अधिक घटनाएं हुई हैं। इसके साथ ही, हिंदू मंदिरों और ईसाई संस्थानों पर हमले भी बढ़े हैं।

पार्टी ने कहा कि बांग्लादेशी पुलिस अक्सर हस्तक्षेप करने में असफल रहती है। पुलिस की जांच या तो धीमी होती है या होती ही नहीं है, जिससे चरमपंथियों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति मिलती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, जो कानून प्रवर्तन और सामाजिक सुरक्षा उपायों के व्यवस्थागत पतन को दर्शाती है।"
2025 के पहले छह महीनों में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के 4,200 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें सामूहिक बलात्कार की 650 घटनाएं शामिल हैं।

अवामी लीग ने यह भी कहा कि यूनुस शासन के तहत आर्थिक गिरावट केवल मंदी नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित पतन है, जिसका बांग्लादेश के भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "2023 में जीडीपी वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत से गिरकर 2025 में 2.3 प्रतिशत रह गई है। मुद्रास्फीति 12 प्रतिशत से अधिक है, जिसमें खाद्य मुद्रास्फीति 16 प्रतिशत है।"

इसमें आगे कहा गया है, "युवा बेरोजगारी 28 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जो दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा है। लाखों कामगारों द्वारा अपने देश में पैसे ट्रांसफर करने की दर साल-दर-साल 11 प्रतिशत गिरी है।"

पार्टी ने चेतावनी दी कि एक सच्चे तटस्थ ढांचे के बिना कोई भी चुनावी प्रक्रिया बांग्लादेश में दमन, अराजकता और अन्याय को बढ़ावा देने का जोखिम उठाएगी।

-राष्ट्र प्रेस

Point of View

मेरा मानना है कि बांग्लादेश की अवामी लीग ने महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है। देश को स्थिरता और विकास की आवश्यकता है, और निष्पक्ष चुनाव एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हमें सभी पक्षों की आवाज सुनने की आवश्यकता है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

अवामी लीग ने किन मुद्दों को उठाया है?
अवामी लीग ने इस्लामी उग्रवाद, आर्थिक पतन और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दों को उठाया है।
बांग्लादेश में चुनाव कब होंगे?
अवामी लीग ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने की मांग की है, जो जल्द ही हो सकते हैं।
बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति क्या है?
बांग्लादेश की जीडीपी वृद्धि दर गिर रही है और मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर है, जिससे आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा में क्या वृद्धि हुई है?
यूनुस के शासन के तहत महिलाओं के खिलाफ हिंसा में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है।
क्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है?
अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल उठता है।