क्या इस सप्ताह जीएसटी परिषद की बैठक में 150 से अधिक उत्पादों पर कर दरों में कटौती होगी?

सारांश
Key Takeaways
- 150 से अधिक उत्पादों पर जीएसटी दरों में कटौती का प्रस्ताव।
- खाद्य और शिक्षा के उत्पादों पर जीएसटी दरें घटाई जा सकती हैं।
- दिवाली से पहले वाहनों पर कर में कमी की संभावना।
- जीएसटी परिषद की बैठक में केंद्र और राज्य के प्रतिनिधियों की भागीदारी।
- 22 सितंबर तक नए नियम लागू होने की संभावना।
मुंबई, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी परिषद इस सप्ताह अपनी दो दिवसीय बैठक के दौरान रेट एडजस्टमेंट के तहत 150 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी के केंद्र के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेने जा रही है।
विभिन्न वस्तुओं को 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब से हटाकर 5 प्रतिशत स्लैब या शून्य जीएसटी श्रेणी में लाने का उद्देश्य परिवारों पर कर का बोझ कम करना और खर्च को बढ़ावा देना है।
जीएसटी परिषद रेट स्ट्रक्चर में बदलाव की योजना बना रही है, जिसमें मौजूदा 4-रेट स्ट्रक्चर को 2-रेट स्ट्रक्चर में बदला जाएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खाद्य पदार्थों जैसे खुला पनीर, खाखरा, पिज्जा, ब्रेड, चपाती और रोटी को शामिल कर शून्य जीएसटी श्रेणी का विस्तार करना है, जिन पर वर्तमान में 5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक की जीएसटी दरें हैं।
पराठा जैसे रेडी-टू-ईट फूड पर भी जीएसटी छूट देने पर विचार किया जा रहा है, जिन पर वर्तमान में 18 प्रतिशत कर लगता है। मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मेवे, नमकीन, मशरूम और खजूर जैसी वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो सकती है।
केंद्र ने विभिन्न मिठाइयों, लोकप्रिय पैकेज्ड स्नैक्स, नाश्ते और मिठाइयों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है।
इन वस्तुओं में कथित तौर पर कोको चॉकलेट, पेस्ट्री, आइसक्रीम और नाश्ते के अनाज जैसे अनाज के फ्लेक्स शामिल हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से शहरी उपभोक्ता और युवा वर्ग करते हैं।
एंट्री-लेवल पैसेंजर व्हीकल और दोपहिया वाहनों पर कर को घटाकर 18 प्रतिशत करने की भी उम्मीद है, जिससे दिवाली से पहले ये किफायती हो जाएंगे।
वर्तमान में, कम्बशन इंजन पर आधारित सभी यात्री वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी और इंजन क्षमता, लंबाई और बॉडी प्रकार के आधार पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक का क्षतिपूर्ति उपकर लगता है।
शिक्षा क्षेत्र को भी लाभ होने की संभावना है क्योंकि मैप्स, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर, एक्सरसाइज बुक्स, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक जैसी वस्तुओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव है। इससे छात्रों और अभिभावकों को, खासकर नए शैक्षणिक वर्ष से पहले, काफी बचत हो सकती है।
दरों में कटौती का प्रस्ताव जीएसटी परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें केंद्र और राज्य के प्रतिनिधि शामिल होंगे। रिवाइज्ड जीएसटी स्ट्रक्चर को मंजूरी मिलने के बाद 22 सितंबर तक लागू किया जा सकता है।