क्या जीएसटी सुधार उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक राहत लेकर आएंगे?

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क्या जीएसटी सुधार उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक राहत लेकर आएंगे?

सारांश

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष नजीब शाह ने जीएसटी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में बताया। यह सुधार उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करने योग्य आय देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने का अवसर प्रदान कर सकता है। जानें इससे क्या लाभ होगा!

Key Takeaways

  • जीएसटी में सुधार से उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
  • टैक्स स्लैब को दो श्रेणियों में समेकित किया जा सकता है।
  • छोटे व्यवसायों को नई राहत मिलेगी।
  • अर्थव्यवस्था में समग्र मांग में वृद्धि हो सकती है।
  • कीमतों में कमी आने की संभावना है।

नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के पूर्व अध्यक्ष नजीब शाह ने शनिवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव से भारतीय उपभोक्ताओं के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा बचेगा, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग और समग्र उपभोग को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

केंद्र सरकार मौजूदा जीएसटी ढांचे में टैक्स स्लैब की संख्या को चार से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) करने पर विचार कर रही है, जबकि लक्जरी और सिन गुड्स के लिए 40 प्रतिशत का एक विशेष टैक्स स्लैब पेश किया जाएगा।

यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन के दौरान दिए गए उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधारों का अनावरण दिवाली तक किया जाएगा, जिससे आम आदमी को "पर्याप्त" कर राहत मिलेगी और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा।

राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में, नजीब शाह ने सुझाव दिया कि "मौजूदा स्लैब को नए स्लैब में मिलाया जा सकता है जैसे 5 प्रतिशत के स्लैब और 12 प्रतिशत के स्लैब को मिलाकर लगभग 7-8 प्रतिशत का एक बीच का स्लैब बनाया जा सकता है।"

उन्होंने आगे कहा, "12 प्रतिशत के स्लैब और 18 प्रतिशत के स्लैब को मिलाकर 15-16 प्रतिशत का स्लैब बनाया जा सकता है, और मार्च 2026 में सेस हटने के बाद 28 प्रतिशत की दर संभवतः 30 प्रतिशत हो जाएगी।"

शाह ने कहा कि कम टैक्स स्लैब से उपभोक्ताओं के पास अधिक खर्च करने योग्य आय बचेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग और समग्र उपभोग को बढ़ावा मिल सकता है।

विशेषज्ञ ने कहा कि "जीएसटी सुधारों से कीमतें कम होंगी, ऋण प्रवाह सुचारू होगा और विवादों में कमी आएगी, जिससे अंततः उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लागत कम हो जाएगी।"

वहीं, सरकारी संग्रह पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और साथ ही उपभोक्ताओं को राहत भी मिलनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि लघु एवं मध्यम उद्यमों को सरलीकृत कर दरों, कम अनुपालन बोझ और जीएसटी ढांचे के भीतर निर्बाध ऋण तक बेहतर पहुंच से महत्वपूर्ण लाभ होगा।

जीएसटी सुधारों को जरूरी बताते हुए, शाह ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि वह इसे एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में देखते हैं जो कर प्रणाली को मजबूत करेगा, विकास को प्रोत्साहित करेगा और एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।

सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, वर्तमान में 12 प्रतिशत कर वाली लगभग 99 प्रतिशत वस्तुओं के 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में स्थानांतरित होने की संभावना है, जबकि 28 प्रतिशत स्लैब में शामिल 90 प्रतिशत वस्तुएं, जिनमें व्हाइट गुड्स भी शामिल हैं, 18 प्रतिशत कर स्लैब में स्थानांतरित हो जाएंगी।

Point of View

मेरा मानना है कि ये कदम उपभोक्ताओं को राहत देने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। सरकार का यह प्रयास न केवल छोटे व्यवसायों को सशक्त करेगा, बल्कि समग्र आर्थिक विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी सुधारों का उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी सुधारों से उपभोक्ताओं के पास अधिक खर्च करने के लिए पैसा बचेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
क्या जीएसटी स्लैब में बदलाव से कीमतें कम होंगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी सुधारों से कीमतें कम होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
लघु एवं मध्यम उद्यमों को क्या लाभ होगा?
लघु एवं मध्यम उद्यमों को सरल कर दरों और कम अनुपालन बोझ से महत्वपूर्ण लाभ होगा।