क्या एसआईआर वास्तव में अनावश्यक प्रक्रिया है? टीएस सिंह देव का बयान
सारांश
Key Takeaways
- टीएस सिंह देव ने एसआईआर को अनावश्यक कहा।
- बिहार की प्रक्रिया को छिपाने के लिए 12 राज्यों पर एसआईआर थोपने का आरोप।
- किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने की अपील।
- महंगी बिजली और जमीन के दामों पर चिंता।
- धर्म परिवर्तन को लेकर भी बयान दिया।
रायपुर, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता टीएस सिंह देव ने कहा कि एसआईआर एकदम अनावश्यक प्रक्रिया है। बिहार में हुई प्रक्रिया को छिपाने के लिए 12 राज्यों पर एसआईआर को थोप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया क्या है? बीएलओ को घर जाकर फॉर्म देना चाहिए, लेकिन मुझे अपना ही फॉर्म भरने में कठिनाई हुई है। बीएलओ से हम कितनी उम्मीद करें? हमसे गलती हो जाए और इसका प्रमाण हमारे पास रहे, वह भी हमें नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि बीएलओ यह काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उनके साथ अन्य कर्मियों को भी लगा दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि यह प्रक्रिया दोषपूर्ण है। एक बीएलओ के ज़रिए पूरी वोटर सूची बनवाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों से फॉर्म भरवाइए और अगर कोई दिक्कत है तो उन्हें बुलवाइए। नागरिकों से फॉर्म भरवाकर उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है? इससे पहले हुई एसआईआर की प्रक्रिया इस तरह नहीं हुई थी।
प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने कहा, "छत्तीसगढ़ का नागरिक होने के नाते मैं कहता हूं कि सिर्फ एक व्यक्ति नहीं आ रहा है, देश के प्रधानमंत्री आ रहे हैं और उनका स्वागत है। मुझे खुशी होगी अगर प्रधानमंत्री अपने तीन दिन के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान राज्य और देश के मौजूदा हालात पर भी ध्यान दें। किसानों को गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वह खाद की सप्लाई हो या दूसरे मामले। अब जब धान खरीदने का सीजन शुरू हो गया है, तो एग्रीकल्चर-स्टैकिंग से जुड़ी नई मुश्किलें आ गई हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि महंगी बिजली और जमीन के दाम बढ़ाए जाने पर भी ध्यान दें। सरकार ने जमीनों के दाम बढ़ा दिए हैं। इससे वंचित तबके को फायदा नहीं मिलने वाला है। वंचित तबके के पास जमीन ही नहीं है, मुआवजे से उन्हें कितना फायदा मिलने वाला है? जमीन खरीदने वाले को नुकसान झेलना पड़ रहा है। नागरिकों का पैसा लेकर सरकार चलाती है। मैं प्रधानमंत्री का ध्यान इस पर भी आकर्षित करना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि धर्म बदलना कोई मुद्दा नहीं है। कुछ कोशिशें हुई हैं, जैसे हिंदू-मुस्लिम पोलराइजेशन करना और इसी तरह, इस मुद्दे को यहाँ भी आगे बढ़ाने की कोशिशें हो रही हैं। प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री और सरकार की असली चिंता यह होनी चाहिए कि हर धर्म के लोग पूरी सुरक्षा और बचाव महसूस करें। देश में ऐसे कानून हैं कि अगर लालच देकर धर्म बदला जा रहा है, तो कार्रवाई होनी चाहिए।