क्या जीएसटी सुधारों ने मध्यम वर्ग को राहत दी है? स्कूल किट से लेकर अन्य आवश्यक उत्पाद सस्ते हुए

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधारों से मध्यम वर्ग को राहत मिली है।
- कई आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है।
- खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी 5 प्रतिशत या शून्य हो गया है।
- शैक्षणिक उत्पादों पर टैक्स को शून्य किया गया है।
- कैंसर की दवाएं अब जीएसटी मुक्त हैं।
नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी सुधारों ने मध्यम वर्ग को विशाल राहत प्रदान की है। इससे कई आवश्यक और गैर-जरूरी वस्तुओं के दाम में कमी आई है। इसमें फूड, ऑटोमोबाइल्स, हेल्थकेयर, पर्सनल केयर और अन्य घरेलू उत्पाद शामिल हैं।
साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल, टूथ पाउडर जैसी रोजमर्रा की आवश्यकताओं पर अब 18 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए चीजों को सस्ता बनाएगा। इससे 5,000 रुपए के किराना बिल पर 500 रुपए की बचत संभव है।
खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी घटकर 5 प्रतिशत या शून्य हो जाने से, किराने के सामान पर प्रति माह लगभग 8,000-10,000 रुपए खर्च करने वाला एक मध्यम वर्गीय परिवार लगभग 800-1,000 रुपए बचाएगा, जो सालाना 10,000 रुपए से अधिक है।
पनीर, रोटी, पैक्ड पराठे और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर अब जीएसटी शून्य हो गई है, जबकि मक्खन, घी, पनीर, चॉकलेट, बिस्कुट और अचार को 18 या 12 प्रतिशत के स्लैब से हटाकर 5 प्रतिशत के स्लैब में लाया गया है।
सरकार ने कई शैक्षणिक उत्पादों पर टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया है। इससे शिक्षा से जुड़े उत्पाद पहले के मुकाबले अधिक किफायती हो जाएंगे।
नई जीएसटी दरों के कारण 1,000 रुपए की लागत वाली स्कूल किट (नोटबुक, पेंसिल, क्रेयॉन) अब 850 रुपए की हो गई है।
साथ ही, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं, डायग्नोस्टिक किट, प्रयोगशाला उपकरणों और चिकित्सा आपूर्ति पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
कैंसर की दवाएं अब जीएसटी से मुक्त हो गई हैं, जिसका अर्थ है कि 10,000 रुपए प्रति माह की लागत वाली दवा 500-1,200 रुपए सस्ती हो जाएगी।
एक टीवी, जिसकी कीमत पहले 40,000 रुपए थी, अब 4,000 रुपए सस्ती हो जाएगी। इसी प्रकार, 60,000 रुपए प्रति यूनिट की लागत वाले सोलर हीटर 7,000 रुपए सस्ते हो जाएंगे और 35,000 रुपए का एयर कंडीशनर 3,500 रुपए सस्ता हो जाएगा।
जीएसटी युक्तिकरण से कृषि उपकरणों पर कर कम होने से किसानों को भी राहत मिलेगी। कारीगरों और उद्यमियों को भी लाभ होगा।