क्या भोपाल के दुकानदारों ने जीएसटी सुधारों को सराहनीय माना है?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी 2.0 के तहत नेक्स्ट जेन सुधार लागू हुए हैं।
- यह बदलाव त्योहारी सीजन से पहले आया है।
- उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने का उद्देश्य है।
- टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर दो की गई है।
- इससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
भोपाल, २२ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी 2.0 के तहत नेक्स्ट जेन सुधार आज से लागू हो चुके हैं, जिसका असर भोपाल के बाजारों में देखने को मिल रहा है। आम जनता एवं दुकानदारों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे एक सराहनीय कदम बताया।
एक दुकानदार ने कहा, "जितना मुझे समझ आया है, पुराने स्टॉक को मूल एमआरपी पर या कंपनी डिस्काउंट के साथ बेचा जाएगा। खासकर पैकेज्ड डेयरी आइटम्स में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। जैसे कि अमूल और सांची पनीर में कीमत में २-३ रुपए का मामूली अंतर होगा।"
दूसरे दुकानदार ने कहा, "प्रधानमंत्री का यह निर्णय अत्यंत सराहनीय है, खासकर त्योहारी सीजन से ठीक पहले लागू किया गया है। इससे बाजार में सकारात्मक माहौल बनेगा, हमारे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और ग्राहकों की खरीदारी में वृद्धि होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।"
नवरात्रि के अवसर पर जीएसटी की नई दरें लागू हुई हैं, जिसे 'बचत उत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है। विशेष बात यह है कि इस साल नवरात्रि, जीएसटी 2.0 के लागू होने के साथ शुरू हो रही है। जीएसटी 2.0 एक बड़ा टैक्स सुधार है, जिसका उद्देश्य भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाना और 375 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें कम करना है।
नए जीएसटी फ्रेमवर्क के अंतर्गत सरकार ने टैक्स स्लैब की संख्या को घटाकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दी है, जो पहले चार - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत थी।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए भक्ति और दृढ़ संकल्प का संदेश दिया। उन्होंने जीएसटी 2.0 के बारे में कहा कि जीएसटी बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को एक नई ऊर्जा देने वाली है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि इस बदलाव का उद्देश्य उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना है।