क्या बांग्लादेश की जमात ने चेतावनी दी है कि यूनुस सरकार किसी राजनीतिक दल को बढ़ावा देगी तो होगा विरोध प्रदर्शन?

Click to start listening
क्या बांग्लादेश की जमात ने चेतावनी दी है कि यूनुस सरकार किसी राजनीतिक दल को बढ़ावा देगी तो होगा विरोध प्रदर्शन?

सारांश

बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने प्रशासन पर चेतावनी दी है कि यदि किसी राजनीतिक दल का समर्थन किया गया तो जनता सड़कों पर उतर जाएगी। यह रैली आगामी चुनावों के संदर्भ में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • जमात-ए-इस्लामी का प्रशासन को चेतावनी देना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है।
  • आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है।
  • रैली में पांच सूत्री मांगों को दोहराया गया।
  • एनसीपी और जमात के बीच बढ़ते तनाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
  • बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती देने की आवश्यकता है।

ढाका, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने चेतावनी दी है कि यदि यूनुस प्रशासन का कोई सदस्य किसी विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में कार्य करता है, तो आम जनता सड़कों पर उतर आएगी।

ढाका में बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के उत्तरी द्वार पर आयोजित रैली में जमात के सहायक महासचिव रफीकुल इस्लाम खान ने कहा, "यदि कोई सलाहकार, सचिव, चुनाव आयुक्त या पुलिस अधिकारी पार्टी के पक्ष में काम करने का प्रयास करता है, तो उसे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। सभी को पता है कि प्रशासन में उन लोगों का क्या हुआ जिन्होंने पार्टी के कठपुतली की तरह कार्य किया। यदि कोई सरकारी अधिकारी किसी राजनीतिक दल के लिए काम करता है, तो लोग चुप नहीं बैठेंगे।"

बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र द डेली स्टार के अनुसार, यह रैली जमात और अन्य इस्लामिक दलों की पांच सूत्री मांगों के तहत चल रहे आंदोलन के चौथे चरण का हिस्सा थी, जिसमें नवंबर में जनमत संग्रह और आगामी राष्ट्रीय चुनावों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली के तहत आयोजित करने की मांग शामिल है।

रफीकुल ने कहा, "यदि हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो जमात का आंदोलन जारी रहेगा।"

जमात और राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) के बीच तनाव बढ़ने के कारण, जमात के महासचिव गुलाम पोरवार ने एनसीपी नेताओं को इस्लामी पार्टी के साथ प्रतिस्पर्धा न करने की सलाह दी।

यह टिप्पणी एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम के सोशल मीडिया पर दिए गए बयान के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि जमात की आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) आंदोलन की मांग "एक सोची-समझी राजनीतिक धोखाधड़ी" है।

बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक प्रोथोम आलो ने पोरवार के हवाले से कहा, "आप एक नए छात्र-नेतृत्व वाले राजनीतिक संगठन हैं। जमात-ए-इस्लामी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आपको अभी लंबा रास्ता तय करना है।"

उन्होंने एनसीपी की आलोचना करते हुए कहा, "हम आपको अभी इतनी गंभीरता से नहीं लेते। अभी हमारी आलोचना शुरू न करें; आपके सामने एक लंबा रास्ता है।"

अगले साल होने वाले चुनावों से पहले बांग्लादेश में अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ रही है।

जिन पार्टियों ने पहले शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए यूनुस के साथ मिलकर काम किया था, वे अब सुधार प्रस्तावों को लेकर आपस में भिड़ गई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। जमात-ए-इस्लामी की चेतावनी और रैली यह दर्शाती है कि राजनीतिक दलों के बीच की खाई और भी गहरी होती जा रही है। यह समय है सभी दलों के लिए एक साथ आकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने का।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

जमात-ए-इस्लामी क्यों चेतावनी दे रही है?
जमात-ए-इस्लामी ने चेतावनी दी है कि यदि यूनुस प्रशासन किसी विशेष राजनीतिक दल का समर्थन करता है, तो जनता विरोध प्रदर्शन करेगी।
यह रैली किस मुद्दे पर थी?
यह रैली जमात और अन्य इस्लामिक दलों की पांच सूत्री मांगों के संदर्भ में आयोजित की गई थी।
बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति क्या है?
बांग्लादेश में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक उथल-पुथल और अनिश्चितता बढ़ रही है।