क्या नेपाल में प्रदर्शन के चलते गृह मंत्री और कृषि मंत्री का इस्तीफा सरकार के लिए खतरा है?

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क्या नेपाल में प्रदर्शन के चलते गृह मंत्री और कृषि मंत्री का इस्तीफा सरकार के लिए खतरा है?

सारांश

नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के चलते गृह मंत्री एवं कृषि मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। सरकार पर संकट गहरा रहा है, और काठमांडू में कर्फ्यू लागू किया गया है। क्या यह स्थिति और बिगड़ने वाली है? जानिए इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं।
  • कृषि और गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया है।
  • काठमांडू में कर्फ्यू लागू है।
  • कम से कम 19 लोग हिंसा में मारे गए हैं।
  • स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कर्फ्यू लगाया है।

काठमांडू, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन के खिलाफ चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के चलते सरकार की स्थिति और भी मुश्किल में आ गई है। मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल के एक और मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।

कृषि और पशुपालन विकास मंत्री रामनाथ अधिकारी ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि देश में हो रही हिंसा को देखते हुए वह अपने पद पर बने नहीं रह सकते थे।

उन्होंने कहा, "हिंसा ने यह सवाल उठाया है कि क्या मौजूदा सरकार एक अधिनायकवादी व्यवस्था की ओर बढ़ रही है।" इससे पहले, नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था।

काठमांडू और इसके आस-पास सोमवार को हुए जेन-जी प्रदर्शनों के दौरान सरकार की हिंसक प्रतिक्रिया के खिलाफ विरोध जारी है। इस हिंसा में कम से कम 19 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मंगलवार को भी काठमांडू के विभिन्न हिस्सों से छिटपुट विरोध की जानकारी प्राप्त हुई, जिसके कारण स्थानीय प्रशासन ने लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाते हुए कर्फ्यू लागू कर दिया है।

काठमांडू में गृह मंत्रालय के अधीन तीन जिला प्रशासन कार्यालयों ने अलग-अलग नोटिस जारी करके कई स्थानों पर सुबह से कर्फ्यू लागू किया है, जिसमें प्रमुख एंट्री प्वाइंट शामिल हैं।

काठमांडू डीएओ ने मंगलवार को राजधानी महानगरपालिका क्षेत्र में सुबह 8:30 बजे से अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू किया है, जिसमें लोगों को आवाजाही, प्रदर्शन, सभाएं या धरने पर रोक है।

कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, अग्निशामक वाहन, शव वाहन, स्वास्थ्यकर्मियों, पत्रकारों, पर्यटक वाहनों, हवाई यात्रियों और मानवाधिकार व राजनयिक मिशनों के वाहनों की आवाजाही की अनुमति होगी।

ललितपुर के जिला प्रशासन ने भी अलग-अलग संगठनों के प्रदर्शनों के बीच सार्वजनिक शांति और सुरक्षा को प्रभावित करने वाली हिंसक गतिविधियों की संभावना का हवाला देते हुए जिले के विभिन्न स्थानों पर कर्फ्यू लगाया है।

भक्तपुर के जिला प्रशासनिक अधिकारी ने भी जिले के विभिन्न स्थानों पर कर्फ्यू लगाया है, जिसमें विरोध-प्रदर्शन और सभाओं पर रोक लगा दी गई है।

लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को 'हत्यारी सरकार' का नाम दे रहे हैं।

इसी बीच, प्रधानमंत्री ओली ने सोमवार रात एक बयान जारी कर विरोध प्रदर्शनों के दौरान अवांछित समूहों की घुसपैठ को इस दुखद घटना का कारण बताया है।

Point of View

हमें यह स्वीकार करना होगा कि नेपाल में चल रही घटनाएं गंभीर हैं। सरकार को जनहित की सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों के अधिकारों का भी सम्मान करना चाहिए। इस समय सभी पक्षों की चिंताओं का समाधान करना आवश्यक है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

नेपाल में प्रदर्शन का कारण क्या है?
नेपाल में प्रदर्शन का मुख्य कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन के खिलाफ लोगों का गुस्सा है।
कर्फ्यू क्यों लगाया गया है?
कर्फ्यू का उद्देश्य सार्वजनिक शांति बनाए रखना और हिंसा को रोकना है।
कर्फ्यू के दौरान कौन सी सेवाएं जारी रहेंगी?
कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, अग्निशामक और स्वास्थ्यकर्मियों के वाहनों को आवाजाही की अनुमति है।
क्या और मंत्री इस्तीफा देंगे?
हालांकि यह कहना मुश्किल है, लेकिन राजनीतिक स्थिति को देखते हुए और मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं।
प्रदर्शन का भविष्य क्या है?
प्रदर्शन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार नागरिकों की चिंताओं का कैसे समाधान करती है।