क्या मां अंबाजी महामेले का सफल आयोजन हुआ? 40 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, सीएम भूपेंद्र पटेल ने जताया आभार

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क्या मां अंबाजी महामेले का सफल आयोजन हुआ? 40 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, सीएम भूपेंद्र पटेल ने जताया आभार

सारांश

गुजरात में मां अंबाजी महामेले का आयोजन एक विशाल सफलता रहा। 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इस महोत्सव में भाग लिया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी को धन्यवाद दिया और व्यवस्थाओं की सराहना की। आइए जानते हैं इस आयोजन के और भी दिलचस्प पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • महामेला 40 लाख श्रद्धालुओं के साथ सफल रहा।
  • सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्राथमिकता रहीं।
  • विशेष रूप से दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध थीं।
  • ड्रोन और लाइट शो ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
  • ऑनलाइन माध्यम से भी 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

गांधीनगर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मां अंबाजी महामेले के सफल आयोजन पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं, मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन को धन्यवाद दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि शक्ति, भक्ति और प्रकृति के संगम का यह भादरवी पूनम का महामेला मां अंबाजी की कृपा से बड़े सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा की कि इस महामेले में 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां अंबाजी के दर्शन किए और धन्य हुए। उन्होंने बताया कि महामेले की व्यवस्थाएं देखकर प्रसन्नता हुई। राज्य परिवहन निगम ने 1,000 बसों का उपयोग कर 13,500 से अधिक फेरे लगाए। पुलिस विभाग के 5,000 से अधिक कर्मचारी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल रहे। त्वरित प्रतिक्रिया दल, बम निरोधक दस्ता, घुड़सवार और प्रहरीदुर्ग ने सुरक्षा सुनिश्चित की।

उन्होंने आगे बताया कि अग्निशामक कर्मी लगातार सतर्क रहे। 535 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की गई। 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को उपचार केंद्रों से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की गईं। जलदाय विभाग ने प्रतिदिन 40 लाख लीटर पानी उपलब्ध कराया। तीर्थयात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं जैसे कि व्हीलचेयर, ई-रिक्शा और आपातकालीन निकास की व्यवस्था की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश में भी स्वच्छता कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहे। जैविक खाद्य अपशिष्ट का जैविक तरीके से निपटान किया गया। मंदिर में एक शानदार ड्रोन शो और लाइट शो का आयोजन किया गया, जिसका आनंद लाखों श्रद्धालुओं ने लिया। उन्होंने बताया कि देश-दुनिया से 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन माध्यम से मां अम्बा के दर्शन का लाभ उठाया।

सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा, "40 लाख श्रद्धालु, यह संख्या यूरोप और दुनिया के कुछ देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करके, भादरवी पूनम महा मेला कुशल प्रबंधन और जनशक्ति का एक गौरवशाली उदाहरण बन गया है।"

उन्होंने कहा, "इतने बड़े आयोजन का सफलतापूर्वक आयोजन करना वास्तव में सराहनीय है। इसके लिए मैं सभी श्रद्धालुओं, अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट, प्रशासन और धर्मार्थ संस्थाओं का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।"

गौरतलब है कि मां अंबाजी शक्तिपीठ में हर साल की तरह इस वर्ष भी भव्य और दिव्य भादरवी पूनम महामेला सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात पवित्र यात्रा धाम विकास बोर्ड, श्री आरासुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट और बनासकांठा जिला प्रशासन की ओर से लाखों तीर्थयात्रियों की सेवा, सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए गए थे।

देवस्थानम प्रबंधन और तीर्थयात्रा विभाग के सचिव राजेंद्र कुमार ने बताया कि 1 सितंबर को शुरू हुआ यह महामेला 7 सितंबर को पूर्णिमा के दिन संपन्न हुआ। इस दौरान गुजरात ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों से आए 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को मां अंबाजी के दर्शनों का सौभाग्य मिला।

उन्होंने इस सफल आयोजन का पूरा श्रेय बनासकांठा समेत आसपास के 7 जिलों के अधिकारियों को दिया। सचिव राजेंद्र कुमार ने कहा कि 7 जिलों की अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं। इन टीमों ने श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और खाने-पीने जैसी जरूरी व्यवस्थाएं कीं। दर्शन के लिए भी मंदिर में तमाम इंतजाम किए गए।

Point of View

बल्कि यह आयोजनों के प्रबंधन और जन सेवा का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह आयोजन गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है और श्रद्धालुओं की भक्ति को दर्शाता है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

मां अंबाजी महामेला कब आयोजित होता है?
मां अंबाजी महामेला हर साल भादरवी पूनम पर आयोजित होता है।
इस बार कितने श्रद्धालुओं ने भाग लिया?
इस बार 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां अंबाजी के दर्शन किए।
इस मेले में सुरक्षा व्यवस्था कैसी थी?
मेले में 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी और कई सुरक्षा दल तैनात थे।
क्या खास व्यवस्थाएं की गई थीं?
जल, चिकित्सा, और विशेष सुविधाओं जैसे व्हीलचेयर और ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई थी।
किसने इस आयोजन का श्रेय दिया?
सचिव राजेंद्र कुमार ने इस आयोजन का श्रेय बनासकांठा समेत आसपास के 7 जिलों के अधिकारियों को दिया।