क्या भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 2047 तक 25 प्रतिशत जीडीपी हिस्सेदारी हासिल कर सकेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 2047 तक 25 प्रतिशत जीडीपी हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स का क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है।
- 99 प्रतिशत मोबाइल फोन अब भारत में निर्मित होते हैं।
- नॉन-फॉसिल ऊर्जा में भारत ने 50 प्रतिशत क्षमता हासिल की है।
- आत्मनिर्भरता और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत 2047 तक एक वैश्विक औद्योगिक महाशक्ति बनने के मार्ग पर अग्रसर है। जहां सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी वर्तमान के लगभग 17 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 25 प्रतिशत होने का अनुमान है। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है।
बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और जेड47 द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा और फार्मास्यूटिकल्स ऐसे पांच महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जो 2047 तक 25 ट्रिलियन डॉलर के औद्योगिक अवसर का आधार बन सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। भारत की सेमीकंडक्टर मांग 2022 में 33 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 117 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। वर्तमान में, भारत में बिकने वाले 99 प्रतिशत मोबाइल फोन भीतर ही निर्मित होते हैं, जबकि वित्त वर्ष 2014-15 में यह आंकड़ा केवल 26 प्रतिशत था। यह प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर ईशांग जावा ने कहा, "यह केवल आकार की बात नहीं है; बल्कि रणनीतिक आत्मनिर्भरता की बात है। अब भारत केवल असेंबल नहीं कर रहा है, बल्कि डिजाइन, इनवोवेशन और वैश्विक वैल्यू चेन में योगदान कर रहा है।"
रिपोर्ट में भारत के नोएडा-चेन्नई-होसुर और धोलेरा जैसे क्षेत्रीय मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स का उल्लेख किया गया है, जो निर्माण को सशक्त बना रहे हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत ने अपनी नॉन-फॉसिल ऊर्जा क्षमता को लक्ष्य से 5 वर्ष पहले 50 प्रतिशत तक पहुंचा लिया है।
रिपोर्ट में अनुसंधान और विकास (आरएंडडी), डिजाइन को बढ़ाने, प्रतिभा को सशक्त बनाने, ब्रेन ड्रेन को बढ़ावा देने, वर्ल्ड क्लास क्लस्टर इकोसिस्टम्स और निजी क्षेत्र एवं स्टार्टअप्स के योगदान को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है, ताकि इस विकास को स्थिर किया जा सके और भारत को वैश्विक नेतृत्व में लाया जा सके।
जेड47 के मैनेजिंग डायरेक्टर सुदीप्तो सन्नीग्राही ने कहा, "आधुनिक निर्माण और डीप-टेक में सफलता प्राप्त करना विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने के लिए आवश्यक है।"
- राष्ट्र प्रेस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस