क्या कल्याणेश्वर महादेव का शिवलिंग सदियों से टूटा हुआ है?
सारांश
Key Takeaways
- कल्याणेश्वर महादेव का शिवलिंग सदियों से टूटा हुआ है।
- यह मंदिर गुजरात के कच्छ में स्थित है।
- इस मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है।
- महाशिवरात्रि पर भारी भीड़ होती है।
- पांडवों का इस मंदिर से संबंध है।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में अनेक ऐसे शिवलिंग हैं, जो अपने अद्भुत चमत्कारों और विशेष रूपों के लिए पूजा जाते हैं। गुजरात के कच्छ में एक ऐसा शिवलिंग है, जो सदियों से टूटा हुआ है और आज भी इसकी पूजा विधिपूर्वक की जाती है।
कच्छ के माधापार, भुज के समीप स्थित कल्याणेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है। यह मंदिर अपनी अनोखी मान्यताओं और विशेष शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। भक्त इसे रहस्यमयी शिव मंदिर मानते हैं क्योंकि यहां का मुख्य शिवलिंग प्राकृतिक रूप से टूटा हुआ है। कुछ शिवलिंग समय बीतने के साथ अपना आकार बदल लेते हैं, लेकिन यह शिवलिंग मंदिर के निर्माण के समय से इसी अवस्था में है और आज भी इस पर जल, दूध या अन्य सामग्री चढ़ाई जाती है।
कल्याणेश्वर महादेव मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि यदि किसी को सांप काट ले, तो उसकी जान नहीं जाती क्योंकि महादेव स्वयं भक्त की रक्षा करते हैं। महादेव मंदिर में मौजूद सांपों को भी संरक्षण प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, शिवलिंग पर चढ़ाया गया दूध या जल कहां जाता है, यह किसी को नहीं पता। मान्यता है कि यह जल धरती मां द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है।
कल्याणेश्वर महादेव मंदिर का संबंध पांडवों, कर्ण और शिवाजी महाराज से भी जोड़ा जाता है। मान्यता है कि अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने यहां तपस्या की थी और इसी स्थान पर शिवलिंग की स्थापना हुई थी। कर्ण ने भी यहां भगवान शिव की पूजा की थी। शिवाजी महाराज को सफलता प्राप्त करने के लिए भी इस मंदिर में आकर महादेव का आशीर्वाद लेना पड़ा था।
इस मंदिर में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज ने तीन महीने तक लगातार यज्ञ किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर की रहस्यमयी कथाएँ और मान्यताएं भक्तों की आस्था को और भी प्रगाढ़ बनाती हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूर-दूर से यहां दर्शन करने आते हैं।