क्या भारत-ओमान व्यापार समझौता साझा भविष्य का ब्लूप्रिंट तैयार करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत-ओमान सीईपीए एक ऐतिहासिक समझौता है।
- यह समझौता द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देगा।
- बिजनेस लीडर्स को नई संभावनाएँ मिलेंगी।
- दोनों देशों के बीच परंपरागत व्यापार को सशक्त करेगा।
- भारत की आर्थिक वृद्धि से ओमान को भी लाभ होगा।
मस्कट, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत-ओमान के बीच कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) दोनों देशों के साझा भविष्य का ब्लूप्रिंट है और इससे आने वाले दशक में द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होगी।
भारत-ओमान बिजनेस समिट में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज हम एक ऐतिहासिक निर्णय ले रहे हैं जिसकी गूंज आने वाले दशकों तक सुनाई देगी। सीईपीए 21वीं सदी में हमें नए भरोसे और नई ऊर्जा से भर देगा। यह हमारे साझा भविष्य का एक ब्लूप्रिंट है। इससे हमारा व्यापार बढ़ेगा, निवेश को नया भरोसा मिलेगा और हर सेक्टर में अवसरों के नए दरवाजे खुलेंगे।
उन्होंने दोनों देशों के बिजनेस लीडर्स से अपील की कि वह समिट से मिले अवसर का इस्तेमाल करके व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करें।
पीएम मोदी ने कहा, "हमारे लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं। हमारे बिजनेस संबंधों में पीढ़ियों का भरोसा है और हम एक-दूसरे के बाजारों को बहुत अच्छी तरह समझते हैं।"
उन्होंने कहा, 'यह समिट भारत-ओमान की साझेदारी को मजबूत करेगी और एक नई दिशा देगी। इसमें आप सभी की एक बड़ी भूमिका होगी।'
पीएम मोदी ने बिजनेस लीडर्स से कहा कि वह भारत-ओमान व्यापार विरासत के उत्तराधिकारी हैं, जिसका सदियों का शानदार इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा, "सभ्यता की शुरुआत से ही हमारे पूर्वज एक-दूसरे के साथ समुद्री व्यापार करते आ रहे हैं।"
पीएम मोदी ने कहा, "मांडवी और मस्कट के बीच अरब सागर एक मजबूत पुल बन गया है। आज हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि समुद्र की लहरें बदल सकती हैं, मौसम बदल सकते हैं, लेकिन भारत-ओमान की दोस्ती हर मौसम में और मजबूत होती है और हर लहर के साथ नई ऊंचाइयों को छूती है।"
उन्होंने कहा कि भारत के आगे बढ़ने से उसके साझेदारों को भी फायदा होगा। भारत का स्वभाव हमेशा से प्रगतिशील और आत्मनिर्भर रहा है। जब भी भारत आगे बढ़ता है, तो वह अपने दोस्तों को भी आगे बढ़ने में मदद करता है।
उन्होंने आगे कहा, "आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद है। हालांकि, यह ओमान के लिए और भी अधिक फायदेमंद है क्योंकि, करीबी दोस्त होने के साथ-साथ हम समुद्री पड़ोसी भी हैं।"