क्या रांची में कारोबारी पर अंधाधुंध फायरिंग मामले का खुलासा हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- रांची में कारोबारी राधेश्याम साहू पर फायरिंग की गई।
- गिरफ्तार शूटर ने हत्या के लिए तीन लाख रुपए की सुपारी की बात की।
- पुलिस ने मामले की विशेष जांच टीम बनाई है।
- राधेश्याम साहू के बेटे ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
- इस मामले ने रांची में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।
रांची, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रांची में सांभवी इंटरप्राइजेज के मालिक राधेश्याम साहू पर हुए अंधाधुंध फायरिंग की घटना के दो महीने बाद, पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए एक शूटर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान चंदन कुमार के रूप में हुई है, जिसने बताया कि कारोबारी की हत्या के लिए तीन लाख रुपए की सुपारी निर्धारित की गई थी।
रांची के कटहल मोड़ के निकट स्थित सांभवी इंटरप्राइजेज के मालिक राधेश्याम साहू पर 15 अक्टूबर को बाइक पर सवार दो अज्ञात अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस घटना में राधेश्याम साहू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां लंबे इलाज के बाद उनकी जान बचाई जा सकी। मामले की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सूचना मिली थी कि इस वारदात में शामिल शूटर चंदन कुमार धनबाद से अपने घर भुरकुंडा लौट रहा है।
सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे रास्ते में ही पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान चंदन कुमार ने बताया कि उसे राधेश्याम साहू की हत्या के लिए तीन लाख रुपए की सुपारी दी गई थी, जिसमें से 50 हजार रुपए एडवांस के तौर पर प्राप्त हुए थे। इसके बाद उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया।
हालांकि, पुलिस ने इस बात का स्पष्ट नहीं किया है कि सुपारी किसने दी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शूटर ने पूछताछ में मुख्य साजिशकर्ता का नाम भी बताया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। इस मामले में राधेश्याम साहू के बेटे सज्जन कुमार ने नगड़ी थाना में जमीन कारोबारी पुरुषोत्तम कुमार, पटना निवासी शशि शेखर समेत अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनके पिता का ढाई एकड़ जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा है, जो न्यायालय में लंबित है। साथ ही घटना से करीब दो महीने पहले शशि शेखर द्वारा फोन पर जान से मारने की धमकी दिए जाने का आरोप लगाया गया था।