क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में मोबाइल फोरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाई?
सारांश
Key Takeaways
- मोबाइल फोरेंसिक वैन का उद्देश्य अपराध अनुसंधान को तेज करना है।
- इन वैन में अत्याधुनिक उपकरण शामिल हैं।
- राज्य में कुल 57 वैनें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- इस पहल से नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास बढ़ेगा।
भोपाल, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में अपराधियों तक पहुँचने और अपराध के अनुसंधान के कार्यों को तेज़ी से पूरा करने के उद्देश्य से पुलिस विभाग को मोबाइल फोरेंसिक वैन प्रदान की गई हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को प्रदेश में अपराध अनुसंधान, साक्ष्य संकलन और वैज्ञानिक विवेचना की क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए तैयार की गई मोबाइल फॉरेंसिक वैनों को पुलिस मुख्यालय भोपाल से झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि ये वैन मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में सीन ऑफ क्राइम की जांच में अत्यधिक कारगर साबित होंगी। मुख्यमंत्री यादव के नेतृत्व में पुलिस विभाग द्वारा की गई यह पहल फोरेंसिक-आधारित, त्वरित और सटीक विवेचना को बढ़ावा देगी, जिससे अपराधों के शीघ्र खुलासे, दोषसिद्धि दर में वृद्धि और नागरिकों में सुरक्षा का भरोसा मजबूत होगा।
मध्य प्रदेश पुलिस को कुल 57 मोबाइल फॉरेंसिक वैन उपलब्ध कराई गई हैं, जिनकी लागत 36 करोड़ 94 लाख 17 हजार 969 रुपए है। यह राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई है। इनमें से 14 वैन 16 दिसंबर 2025 को प्राप्त हुई हैं, जिन्हें रवाना किया गया है।
अन्य मोबाइल फॉरेंसिक वैन भी शीघ्र ही जिलों को उपलब्ध कराई जाएंगी। ये वैन अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं, जिनमें स्टीरियो माइक्रोस्कोप, वेइंग बैलेंस, डीएसएलआर कैमरा, मिनी फ्रिज, एलईडी टीवी स्क्रीन, थर्मल प्रिंटर, बॉडी-वॉर्न कैमरा सहित आवश्यक उपकरण शामिल हैं।
इसके साथ ही, वैनों में जांच किट, अपराध स्थल सुरक्षा किट, फिंगर प्रिंट, रक्त व बाल पहचान, हाई-इंटेंसिटी फॉरेंसिक लाइट सोर्स, पैर व टायर निशान, आगजनी, साक्ष्य पैकिंग, बुलेट होल, गनशॉट अवशेष, नशीले पदार्थ, विस्फोटक पहचान, तथा डीएनए कलेक्शन और चेन ऑफ कस्टडी से संबंधित किट भी उपलब्ध हैं।