क्या चेनाब के जलस्तर में वृद्धि से पाकिस्तान बौखलाया है?

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क्या चेनाब के जलस्तर में वृद्धि से पाकिस्तान बौखलाया है?

सारांश

पाकिस्तान ने चेनाब नदी के जल स्तर में वृद्धि को लेकर भारत को खत लिखा है। क्या यह एकतरफा पानी छोड़ने का संकेत है? जानिए इस जल विवाद में क्या है मामला और पाकिस्तान की चिंता का कारण क्या है।

Key Takeaways

  • चेनाब
  • पाकिस्तान ने भारत को खत लिखा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी।
  • बगलीहार डैम भारत और पाकिस्तान के लिए विवाद का कारण है।
  • जल विवाद जल संसाधनों के प्रबंधन की चुनौती प्रस्तुत करता है।
  • पाकिस्तान का आरोप है कि यह वॉटर टेररिज्म है।

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने आरोप लगाया है कि 7 दिसंबर से चेनाब नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि हुई है, जो भारत द्वारा एकतरफा तरीके से पानी छोड़ने का संकेत देती है। जल स्तर में यह वृद्धि और जल प्रवाह में आए बदलाव को लेकर बौखलाए पाकिस्तान ने भारत को एक पत्र भेजा है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहायता की मांग की है।

इस संबंध में पाकिस्तान के विभिन्न मीडिया संस्थानों ने उल्लेख किया है। प्रमुख समाचार पत्र डॉन के अनुसार, 7-8 दिसंबर की रात को भारत ने बगलीहार डैम से लगभग 58,000 क्यूसेक पानी अचानक छोड़ा, जिससे माराला हेडवर्क्स पर जल प्रवाह में वृद्धि हुई। इसके बाद, 13 दिसंबर से जल प्रवाह को तेजी से घटाकर 870-1,000 क्यूसेक तक कर दिया गया, जो पिछले 10 वर्षों के औसत (4,000-10,000 क्यूसेक) से काफी कम है।

पाकिस्तान इस स्थिति को लेकर चिंतित है और इसे सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का उल्लंघन बता रहा है क्योंकि नदी के प्रवाह से संबंधित परियोजनाओं में जलाशय को मनमाने ढंग से खाली और भरना निषिद्ध है। पाकिस्तान के इंडस वाटर कमिश्नर ने इस विषय पर भारत को पत्र लिखा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की गुहार लगाई है।

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान इसे वॉटर टेररिज्म का नाम दे रहा है और दावा कर रहा है कि यह गेहूं की फसल के महत्वपूर्ण समय पर हुआ है, जिससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है और भविष्य में पानी की कमी हो सकती है।

2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने आईडब्ल्यूटी को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद चेनाब पर पानी छोड़ने और रोकने की घटनाएँ बढ़ गईं। हालांकि, पाकिस्तान का कहना है कि संधि अभी भी बाध्यकारी है। यह मामला दोनों देशों के बीच जल विवाद को फिर से उजागर करता है, जहां पाकिस्तान भारत पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रहा है। भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

जम्मू और कश्मीर के रामबन जिले में स्थित बगलीहार डैम 140 मीटर ऊंचा और 350 मीटर लंबा है। इसके निर्माण के बाद से ही यह भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का एक प्रमुख मुद्दा रहा है। पाकिस्तान ने इसकी योजना के समय भी आपत्ति जताई थी और 2005 में वर्ल्ड बैंक से भी संपर्क किया था, लेकिन अंततः यह डैम भारत के नियंत्रण में पूरा हुआ।

अब भारत अपनी इच्छानुसार पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है, जो एक महत्वपूर्ण रणनीतिक हथियार है। यदि भारत डैम से पूरी ताकत से पानी छोड़ने का निर्णय लेता है, तो 10,000 क्यूबिक मीटर से अधिक पानी पाकिस्तान में बह सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ आ सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले से ही पानी की कमी है। पानी की इस आपूर्ति पर भारत का नियंत्रण पाकिस्तान पर भारी दबाव डालता है, जिसके कारण पाकिस्तान को पानी के गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जल विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक संवेदनशील मुद्दा है। जल संसाधनों का उचित प्रबंधन और दोनों देशों के हितों का सम्मान आवश्यक है। एकतरफा कार्रवाई से स्थिति और बिगड़ सकती है।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान ने भारत को किस कारण से खत लिखा?
पाकिस्तान ने चेनाब नदी के जल स्तर में वृद्धि को लेकर खत लिखा है, जिसे वह भारत द्वारा एकतरफा पानी छोड़े जाने का संकेत मानता है।
बगलीहार डैम का क्या महत्व है?
बगलीहार डैम का महत्व इसलिए है क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद का एक प्रमुख मुद्दा है।
सिंधु जल संधि क्या है?
सिंधु जल संधि एक समझौता है जो भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी प्रणाली के जल वितरण को नियंत्रित करता है।
पाकिस्तान ने वॉटर टेररिज्म क्यों कहा?
पाकिस्तान ने इसे वॉटर टेररिज्म कहा है क्योंकि वह मानता है कि यह उसकी फसलों को नुकसान पहुँचाने का प्रयास है।
भारत का इस पर क्या स्टैंड है?
भारत ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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