क्या पानी को हथियार बनाना उचित है? चिनाब पर दुलहस्ती-2 परियोजना की मंजूरी से पाकिस्तान को झटका
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने दुलहस्ती-2 जल विद्युत परियोजना को मंजूरी दी है।
- पाकिस्तान इस निर्णय से चिंतित है।
- पानी को हथियार बनाना उचित नहीं है।
- भारत ने सिंधु जल समझौता रद्द किया।
- पाकिस्तान में किसानों की निर्भरता चिनाब के पानी पर है।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के अंतर्गत पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को समाप्त कर दिया। यह निर्णय पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। लेकिन, इस झटके से उबरने से पहले ही भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया।
हाल ही में, भारत ने चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 जल विद्युत परियोजना के लिए मंजूरी दी है। इस निर्णय ने पाकिस्तान को चिंतित कर दिया है। पहले, पाकिस्तान सिंधु जल समझौते के समाप्त होने के बाद यह कह रहा था कि पानी की जगह खून बहाया जाएगा। अब, दुलहस्ती-2 परियोजना के बाद से उसकी बौखलाहट बढ़ गई है।
पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सांसद शेरी रहमान ने सोमवार को कहा, "पानी को हथियार बनाना न तो समझदारी है और न ही ऐसे इलाके में उचित है, जो जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के दबाव के मामलों में सबसे आगे है। इससे पहले से ही दुश्मनी और भरोसे के अभाव से जूझ रहे द्विपक्षीय रिश्तों में तनाव बढ़ेगा।"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीपीपी नेता शेरी रहमान ने लिखा, “सिंधु जल समझौता (आईडब्ल्यूटी) का खुला उल्लंघन करते हुए, भारत ने अभी-अभी चिनाब नदी पर दुलहस्ती स्टेज-II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।"
उन्होंने आगे कहा, “आईडब्ल्यूटी को एकतरफा रद्द नहीं किया जा सकता है। जैसा कि हाल ही में यूएन की रिपोर्ट ने पुष्टि की है, आईडब्ल्यूटी के अनुसार पाकिस्तान का इंडस, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर नियंत्रण है, जबकि रावी, ब्यास और सतलुज नदियां भारत के नियंत्रण में आती हैं।"
गौरतलब है कि भारत के पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी। इसकी लागत 3,200 करोड़ होगी।
भारत सरकार ने दुलहस्ती-2 जलविद्युत परियोजना को मंजूरी देकर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि देश अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत ने पहले भी सिंधु जल समझौता रद्द करते हुए कहा था कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते हैं।
चिनाब का पानी पाकिस्तान में खेती के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चिनाब के पानी पर पाकिस्तान में किसानों की निर्भरता है। यदि किसानों को यह पानी नहीं मिलेगा, तो इसका सीधा असर फसलों पर पड़ेगा और पाकिस्तान में मौजूदा हालात के अनुसार, इससे मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।