क्या अमेरिका के साथ आईएस के खिलाफ कार्रवाई में जॉर्डन का योगदान है?
सारांश
Key Takeaways
- जॉर्डन ने अमेरिका के साथ मिलकर आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले किए।
- इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
- सीरिया ने आईएस के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज करने का संकल्प लिया है।
अम्मान, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जॉर्डन आर्म्ड फोर्सेज (जेएएफ) ने शनिवार को यह स्वीकार किया कि उसने सीरिया में मौजूद आईएस के ठिकानों को नष्ट करने के अभियान में अमेरिका का पूरा सहयोग किया। माना जा रहा है कि शुक्रवार को उन ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों में जॉर्डन भी शामिल था।
जेएएफ के एक बयान में कहा गया है कि यह ऑपरेशन संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से किया गया था, जिसका उद्देश्य "चरमपंथी समूहों को पड़ोसी देशों के खिलाफ सीरियाई जमीन को लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल करने से रोकना था।"
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि शुक्रवार को अमेरिकी सेना ने सेंट्रल सीरिया में आईएस से जुड़े 70 से ज्यादा संदिग्ध ठिकानों पर हमला किया। यह हमला हाल ही में हुए एक हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक दुभाषिया मारे गए थे।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, केंद्रीय कमान ने कहा कि इस ऑपरेशन में जेएएफ के फाइटर विमानों ने समर्थन किया और इसमें 100 से ज्यादा सटीक हथियारों का उपयोग किया गया, जिन्होंने आईएस के बुनियादी ढांचों और हथियारों को निशाना बनाया। हमलों के बाद, सीरिया ने शुक्रवार को अपने एक्स अकाउंट पर कहा कि सीरिया "आईएसआईएस से लड़ने और यह सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है कि सीरियाई क्षेत्र में इसके लिए कोई सुरक्षित ठिकाना न बचे, और जहां भी यह खतरा उत्पन्न करेगा, उसके खिलाफ सैन्य अभियान तेज करता रहेगा।"
इसमें आगे कहा गया है, "सीरियाई अरब गणराज्य संयुक्त राज्य अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन के सदस्य देशों से इन प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह करता है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की बहाली में मदद मिले।"
सेंट्रल कमांड के अनुसार, 13 दिसंबर को सीरिया में एक आईएस बंदूकधारी द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में दो अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी नागरिक मारे गए थे और तीन अन्य सैनिक घायल हो गए। इस हमले के बाद, अमेरिकी और सहयोगी बलों ने सीरिया और इराक में 10 ऑपरेशन किए, जिसके परिणामस्वरूप 23 आतंकवादी मारे गए या पकड़े गए।
13 दिसंबर के हमले की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली है। सीरिया के आंतरिक मंत्रालय ने पहले हमलावर की पहचान सीरिया की आंतरिक सुरक्षा सेवा के सदस्य के रूप में की थी।
इस्लामिक स्टेट ने सीरिया और इराक में अपने नियंत्रण वाले अधिकांश क्षेत्र खो दिए हैं, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि समूह के बचे हुए सदस्य अब भी हमलावर हैं और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।