क्या राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने मिस्र के राष्ट्रपति सिसी से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और मिस्र के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी।
- गाजा शांति शिखर सम्मेलन का महत्व।
- मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता।
- बंधकों की रिहाई पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा।
- संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान।
शर्म अल शेख (मिस्र), १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का सोमवार को शर्म अल शेख में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने स्वागत किया।
सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन के दौरान मिस्र के महामहिम राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मिलना एक विशेष अवसर था। भारत और मिस्र के बीच एक महत्वपूर्ण और जीवंत रणनीतिक साझेदारी है। शिखर सम्मेलन ने शांति और संवाद की वैश्विक प्रतिबद्धता को उजागर किया। भारत मध्य पूर्व में शांति, स्थिरता और स्थायी सुरक्षा के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।"
मंत्री इस शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए रविवार को मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचे थे। "शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के रूप में ऐतिहासिक शहर काहिरा पहुंचे।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इजरायली बंधकों की रिहाई का स्वागत किया और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के "अटूट शांति प्रयासों" और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के "दृढ़ संकल्प" की सराहना की।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "हम दो साल से अधिक समय तक बंधक रहने के बाद सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं। उनकी आजादी उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अटूट शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। हम क्षेत्र में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं।"
इससे पहले, इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने पुष्टि की कि गाजा में दो साल से अधिक समय तक बंधक रहने के बाद, शेष सभी २० जीवित इजरायली बंधकों को हमास ने रिहा कर दिया है और इजरायली अधिकारियों को सौंप दिया है।
आईडीएफ प्रवक्ता एफी डेफ्रिन ने कहा, "आज, सात सौ ३८ दिनों के बाद, शेष २० जीवित बंधक घर लौट आए हैं। यह एक निर्णायक क्षण है। यह क्षण इजरायल के लोगों और मानवता में विश्वास रखने वाले सभी लोगों का है।"
भारत ने ७ अक्टूबर, २०२३ को इजरायल पर हुए आतंकवादी हमलों और इजरायल-हमास संघर्ष में नागरिकों की जान जाने की कड़ी निंदा की है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है, "भारत ने लगातार सभी बंधकों की रिहाई, युद्धविराम और बातचीत व कूटनीति के जरिए संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है।"