क्या अमेरिकी प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका ने रूस की दो तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
- पुतिन ने कहा कि इनका असर रूसी अर्थव्यवस्था पर कम होगा।
- रूस-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
- प्रतिबंधों का उद्देश्य यूक्रेन युद्ध को रोकना है।
- बातचीत को हमेशा प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका ने हाल ही में रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम तब उठाया गया जब ट्रंप और पुतिन की संभावित मुलाकात की चर्चाएं तेज हो रही थीं। हालांकि, अब दोनों नेताओं के बीच कोई बैठक नहीं होगी। इस पर पुतिन ने भी अपने विचार साझा किए हैं।
रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि इनका रूसी अर्थव्यवस्था पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने इसे मास्को पर दबाव बनाने का एक प्रयास बताया।
पुतिन ने कहा, "कोई भी गर्वित देश दबाव में आकर अपना निर्णय नहीं बदलता। यह (प्रतिबंध) हमारे लिए गंभीर हैं, लेकिन इनका हमारी आर्थिक स्थिति पर कोई विशेष असर नहीं होगा।"
उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध एक अमित्रतापूर्ण कार्रवाई हैं जो रूस-अमेरिका संबंधों को मजबूत नहीं करती। रूस और अमेरिका के बीच संबंध हाल ही में बेहतर होने लगे थे।
पुतिन ने ट्रंप के साथ बातचीत में चेतावनी दी थी कि इन प्रतिबंधों का असर अमेरिका सहित वैश्विक तेल कीमतों पर पड़ेगा।
उन्होंने याद दिलाया कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में रूस पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगाए गए थे। इन प्रतिबंधों के दो पहलू हैं—राजनीतिक और आर्थिक।
अमेरिका ने बुधवार को रूस के दो सबसे बड़े तेल उत्पादकों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए। यह ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस पर लगाया गया पहला प्रतिबंध है। अमेरिका का उद्देश्य इन प्रतिबंधों के जरिए यूक्रेन युद्ध को रोकना है।
वहीं, पुतिन ने ट्रंप के साथ रद्द हुई बैठक को लेकर कहा, "बातचीत हमेशा टकराव से बेहतर होती है। हम इसे समर्थन करते हैं।"
पुतिन ने यह भी कहा कि बैठक को हल्के में लेना और इसके बिना निकलना एक गलती होगी। यह बैठक मूल रूप से अमेरिकी पक्ष द्वारा प्रस्तावित थी, लेकिन अब ट्रंप ने इसे "स्थगित" करने का निर्णय लिया है।