क्या खून में अशुद्धि बनती है कई बीमारियों की वजह? रक्त शुद्धि के लिए करें इन चीजों का सेवन
सारांश
Key Takeaways
- रक्त की शुद्धता हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्राकृतिक चीजें जैसे आंवला, तुलसी, और नीम रक्त को शुद्ध करने में सहायक हैं।
- हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो विषैले पदार्थों को निकालता है।
- त्रिफला चूर्ण पाचन क्षमता को सुधारता है।
- नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्त और कोशिकाएं मिलकर पूरे शरीर को पोषण देती हैं और शरीर के हर अंग को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करती हैं। लेकिन जब रक्त में अशुद्धियां आ जाती हैं, तो शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। इसे आयुर्वेद में 'रक्तदूषा' कहा जाता है। रक्त अगर दूषित होगा, तो इससे शरीर का हर अंग प्रभावित होगा। इसलिए रक्त को शुद्ध रखना बहुत आवश्यक है। हम आपके लिए कुछ देसी चीजों की जानकारी लेकर आए हैं, जो रक्त को शुद्ध करने में सहायक हो सकती हैं।
सर्दियों में आंवला आसानी से उपलब्ध होता है। इस फल में रक्त को साफ करने के अद्भुत गुण होते हैं। इसके लिए सुबह खाली पेट आंवला खा सकते हैं या इसका पाउडर गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी हर घर में पाई जाती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो रक्त को साफ करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
नीम एक साधारण पेड़ है, जो हर जगह पाया जाता है। इसकी पत्तियाँ और दातून लाभकारी होते हैं, जो शरीर और रक्त दोनों को साफ करते हैं। सुबह खाली पेट कुछ नीम की पत्तियों को चबाना लाभकारी है।
हल्दी भी हर किचन में मौजूद होती है और इसका सेवन रोजाना किया जाता है। हल्दी केवल घावों को भरने में ही नहीं, बल्कि रक्त को शुद्ध करने में भी सहायक होती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
मंजिष्ठा एक औषधि है, जो रक्त शोधक के रूप में जानी जाती है और इससे रक्त साफ होता है। इसे सुंदर और चमकदार बालों के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
इसके अलावा, त्रिफला चूर्ण भी बहुत लाभकारी है। इसमें आंवला, हरण और बहेड़ा शामिल हैं। यह आंतों को साफ करता है और पेट में मौजूद जहरीले पदार्थों का नाश करता है।
चिरायता का टॉनिक और चूर्ण बाजार में आसानी से मिल जाता है। यह रक्त शुद्धि के लिए उत्कृष्ट है। गिलोय, गाजर का रस, चुकंदर का रस और गुड़मार का भी सेवन किया जा सकता है।