क्या अमेरिका रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाएगा? ट्रंप ने दिए संकेत

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क्या अमेरिका रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाएगा? ट्रंप ने दिए संकेत

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में यह कदम उठाने की बात करते हुए, ट्रंप ने स्पष्ट नहीं किया कि ये प्रतिबंध किस प्रकार के होंगे। जानिए इस संदर्भ में क्या कहा गया है और आगे क्या हो सकता है।

Key Takeaways

  • डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर नए प्रतिबंधों का संकेत दिया है।
  • यूक्रेन युद्ध के चलते यह कदम उठाया जा रहा है।
  • भारत को तेल प्रतिबंधों का जिम्मेदार ठहराया गया है।
  • रूस और यूक्रेन के बीच स्थिति अभी भी गंभीर है।
  • यूरोपीय संघ के दोहरे मापदंडों पर जेलेंस्की ने ध्यान आकर्षित किया है।

न्यूयॉर्क, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ नए और कड़े प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में रूस के अडिग रवैये के कारण यह कदम उठाने की बात की है। ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये नए प्रतिबंध किस प्रकार के होंगे।

रविवार को वाशिंगटन में एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर कि क्या वह प्रतिबंधों के दूसरे चरण को लागू करने के लिए तैयार हैं, ट्रंप ने संक्षेप में उत्तर दिया, "हां, मैं तैयार हूं।"

हालांकि, उनके इस संक्षिप्त उत्तर से यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वह किस प्रकार के नए प्रतिबंधों की बात कर रहे हैं या किन देशों को इसका लक्ष्य बनाया जा सकता है।

अगस्त के मध्य में, जब एक पत्रकार ने उनसे चीन के बारे में पूछा (जिसे रूसी तेल खरीदने पर अब तक दंडात्मक टैरिफ से छूट मिली हुई है), तो ट्रंप ने कहा, "मुझे दो या तीन हफ्तों में इस पर कुछ सोचना पड़ सकता है या कुछ करना पड़ सकता है।"

दूसरी ओर, उन्होंने भारत को तेल प्रतिबंधों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाया था।

ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी शांति कूटनीति के तहत तीन सप्ताह पहले एक शिखर सम्मेलन किया था। हालांकि, उन्होंने इस बैठक से बड़ी उम्मीदें जताई थीं, लेकिन पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच अब तक कोई मुलाकात नहीं हुई है और रूस ने यूक्रेन पर अपने हमले को तेज कर दिया है।

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हासेट ने कहा कि रूसी हमलों में वृद्धि के बाद, मुझे यकीन है कि आज और कल प्रतिबंधों के स्तर और समय के बारे में बहुत चर्चा होगी।

सीबीएस न्यूज के एक इंटरव्यू में नई प्रतिबंधों के समय के बारे में पूछे जाने पर हासेट ने कहा, "यह अंततः राष्ट्रपति पर निर्भर करता है। लेकिन हां, यह बहुत निराशाजनक स्थिति है।"

वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने रूसी तेल खरीदारों पर प्रतिबंध बढ़ाने का एक संभावित तरीका सुझाया, जिसमें यूरोपीय संघ (ईयू) को अमेरिका के साथ मिलकर माध्यमिक प्रतिबंध लगाने के लिए शामिल करना शामिल है, ताकि मास्को पर बातचीत के लिए दबाव बनाया जा सके।

उन्होंने इस तथ्य को नजरअंदाज किया कि ईयू स्वयं रूस से सीधे गैस खरीद रहा है और भारत से रूसी तेल से बने उत्पादों को अप्रत्यक्ष रूप से खरीद रहा है।

वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ईयू के दोहरे मापदंडों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने एबीसी न्यूज के एक इंटरव्यू में कहा, "कुछ यूरोपीय देश रूसी तेल और गैस खरीदना जारी रखे हुए हैं। यह उचित नहीं है। स्पष्ट और खुले तौर पर कहूं तो, यह उचित नहीं है।"

जेलेंस्की ने भारत पर दंडात्मक प्रतिबंधों का समर्थन करते हुए इसे "सही विचार" बताया।

Point of View

अमेरिका और रूस के बीच चल रही स्थिति में कड़े प्रतिबंधों का प्रभाव सीधे तौर पर वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। यह आवश्यक है कि अमेरिका अपनी नीतियों को सावधानीपूर्वक निर्धारित करे ताकि न केवल अपने हितों की रक्षा हो, बल्कि वैश्विक स्थिरता भी बनी रहे।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का संकेत क्यों दिया?
यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में रूस के अडिग रवैये के कारण ट्रंप ने नए प्रतिबंध लगाने का संकेत दिया है।
क्या ट्रंप ने नए प्रतिबंधों के प्रकार स्पष्ट किए?
नहीं, ट्रंप ने नए प्रतिबंधों के प्रकार के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में अमेरिका की क्या भूमिका है?
अमेरिका ने यूक्रेन के प्रति समर्थन व्यक्त किया है और रूस पर दबाव बनाने के लिए प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है।
क्या भारत पर कोई प्रतिबंध लगाया गया है?
हाँ, ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाने की बात की है।
रूस और यूक्रेन के बीच क्या स्थिति है?
रूस ने यूक्रेन पर अपने हमले तेज कर दिए हैं और दोनों नेताओं के बीच अभी तक कोई मुलाकात नहीं हुई है।