क्या संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान के लिए 2026 का मानवीय रिस्पांस प्लान पेश किया?
सारांश
Key Takeaways
- संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान के लिए 2026 की योजना पेश की।
- इसमें 1.71 बिलियन डॉलर की सहायता का प्रस्ताव है।
- लगभग 21.9 मिलियन लोगों को मदद की आवश्यकता होगी।
- महिलाओं और लड़कियों के लिए जोखिम बढ़ गए हैं।
- सीमा पार से लोगों की वापसी से समस्याएं और बढ़ी हैं।
संयुक्त राष्ट्र, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र का मानवीय मामलों के समन्वय का कार्यालय (ओसीएचए) ने मंगलवार को अफगानिस्तान के लिए वर्ष 2026 की मानवीय सहायता और आवश्यकता योजना का खुलासा किया है। इस योजना के अंतर्गत 1.71 बिलियन डॉलर की सहायता का प्रस्ताव रखा गया है। ओसीएचए के मुताबिक, आने वाले वर्ष में अफगानिस्तान दुनिया के सबसे गंभीर मानवीय संकटों का सामना करता रहेगा।
ओसीएचए ने जानकारी दी है कि वर्ष 2026 में लगभग 21.9 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी। यह संख्या वर्ष 2025 की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत कम है। इसके साथ ही, 17.4 मिलियन लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना करेंगे, जिसमें से 4.7 मिलियन लोग आपात स्थिति वाले स्तर पर होंगे।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओसीएचए ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र से जुड़े मानवीय सहयोगी 2026 में 17.5 मिलियन लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्रदान करेंगे। यह कुल जरूरतमंद लोगों का करीब 80 प्रतिशत है। इस समन्वित प्रयास पर लगभग 1.71 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा, जिसमें भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य सेवाएं, पोषण, स्वच्छ पानी, साफ-सफाई और नकद सहायता शामिल हैं।
ओसीएचए ने कहा कि युद्ध की स्थिति न होने के बावजूद अफगानिस्तान में हालात अत्यंत खराब हैं। इसके पीछे गहरी संरचनात्मक कमजोरियां, बढ़ती खाद्य असुरक्षा और लगातार आने वाली आपदाएं हैं। इनमें जलवायु परिवर्तन से संबंधित सूखा, बड़ी संख्या में लोगों की वापसी, बार-बार भूकंप और बाढ़, बीमारियों का फैलाव और सुरक्षा से जुड़े गंभीर खतरे शामिल हैं। महिलाओं और लड़कियों के लिए ये जोखिम और भी बढ़ गए हैं।
इसके अलावा, सीमा पार से बड़ी संख्या में लोगों की वापसी ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है। ओसीएचए के अनुसार, वर्ष 2025 में ईरान और पाकिस्तान से 2.6 मिलियन से अधिक अफगान नागरिक अपने देश लौटे, जिससे स्थानीय समुदायों, बुनियादी सेवाओं और आजीविका पर भारी दबाव पड़ा है।